- भारत की महिला क्रिकेट टीम ने मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में महिला विश्व कप का खिताब जीतकर इतिहास रचा
- कप्तान हरमनप्रीत कौर ने फाइनल में निर्णायक कैच पकड़ा जिससे पूरे देश में खुशी का माहौल बन गया
- सेमीफाइनल में ऑस्ट्रेलियाई टीम को हराकर भारत ने अपनी अपराजेय छवि स्थापित की और उम्मीदें बढ़ाईं
कैच.. कैच.. कैच.. और भारत विश्व चैंपियन. मुंबई के डीवाई पाटिल स्टेडियम में आसमान को चीरने वाला शोर गूंज उठा. स्टेडियम में बैठे हुए सभी दर्शक अपनी सीटों पर उछलने लगे. ये पल कभी नहीं भूलने वाला था. जिन भारतीय लड़कियों को महिला विश्व कप में कमतर आंका जा रहा था उन्होंने वो करिश्मा कर दिखाया जैसा करिश्मा 1983 में कपिल देव की टीम ने वेस्टइंडीज को हराकर किया था. कप्तान हरमनप्रीत के पीछे भागकर पकड़े गए इस कैच ने पूरे देशवासियों को जोश में भर दिया. कौर की कप्तानी में करिश्मा हो चुका था.
कप्तान ने लपका कैच और कमाल हो गया
कैच लेकर कप्तान कौर ने मैदान का जो शोर मचाते हुए चक्कर लगाया वो तो कमाल का था. पर इस जोश और जीत के बीच टीम इंडिया के खिलाड़ियों का दुख-दर्द भी रहा है. लेकिन कहते हैं न हर बाधा पर जीत पाना तो भारत की इन लड़कियों ने अपने घर-गांव से सीख रखा था. सेमीफाइनल में जब अपराजेय कहने जाने वाली ऑस्ट्रेलियाई टीम को जब टीम इंडिया ने मात दी तभी ऐसा लग रहा था कि कुछ करिश्मा होने वाला है. वो करिश्मा रविवार की रात मुंबई में हो गया.
सपना जो सच हो गया
पहली बार महिला विश्वकप का खिताब जीतना कौर की टीम के लिए एक सपने के सच होने के समान है. देश में आयोजित विश्वकप टूर्नामेंट को जीतना तो इसे और खास बनाता है. 2011 के विश्वकप में जैसी महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में भारत ने वनडे का विश्वकप जीता था ठीक वैसे ही बेटियों ने मुंबई में ही वो कमाल किया है.
इयान बिशप ने बताई सच्ची बात
महिला विश्वकप के फाइनल में विजयी ओवर में अंग्रेजी में कमेंटरी कर रहे वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी इयान बिशप ने भी भारतीय महिलाओं की जीत को इतिहास बताया. उन्होंने भारतीय टीम की जीत को कभी न भूलने वाली जीत बताया. वो सही कह रहे थे, इन महिलाओं ने इस पूरे टूर्नामेंट में कई उतार-चढ़ाव देखे. कई मुश्किलें देखीं. पर जीत की ललक ने उन्हें आगे बढ़ते रहने को कहा.
हर खिलाड़ी का जोश
हर मैच में अलग-अलग खिलाड़ियों ने प्रदर्शन किया इस जीत को टीम की जीत ही कहना होगा. कभी जेमिमा ने कमाल किया तो किसी मैच में स्मृति मंधाना और शेफाली वर्मा के बल्ले ने आग उगला. फाइनल मुकाबले में तो बोलर दीप्ति की दीप के सामने तो अफ्रीकी बैटर पानी मांगते नजर आए. टीम इंडिया की महिलाओं ने देश में क्रिकेट की वो धमक दर्ज कराई है जिसकी गूंज आने वाले समय सुनाई देती रहेगी. शाबाश विश्व चैंपियन बेटियां!
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