- गावस्कर ने कहा कि रोहित को साल 2027 विश्व कप के लिए प्रतिबद्धता स्पष्ट करनी होगी
- गावस्कर ने बताया कि वनडे मैचों की कम संख्या के कारण रोहित को पर्याप्त मैच प्रैक्टिस नहीं मिल पाएगी
- चयन समिति ने इसलिए युवा कप्तान शुभमन गिल को तैयार करने का फैसला लिया है ताकि टीम का भविष्य मजबूत हो
Sunil Gavaskar's big statment: शनिवार को ऑस्ट्रेलिया दौरे (Ind vs Aus) के लिए घोषित टीम इंडिया की कप्तानी से रोहित शर्मा (Rohit Sharma) को हटाए जाने के बाद से अब पूर्व दिग्गजों की आवाज और बुलंद हो चली है. कुछ इसके समर्थन में हैं, तो कैफ और हरभजन सिंह ने इसे एकदम गलत फैसला करार दिया है. अब पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर (Gavaskar on Rohit) ने कहा है कि आगे रोहित को और भी खराब स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए.
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एक चैनल से बातचीत में एक सवाल के जवाब में गावस्कर बोले, 'अगर आप साल 2027 विश्व कप खेलने को लेकर प्रतिबद्ध नहीं होने की बात कर रहे हैं, अगर आप साफ नहीं हैं कि आप मेगा इवेंट के लिए आप अगले दो साल के लिए तैयार हो पाएंगे या नहीं, तो फिर आप और खराब स्थिति के लिए तैयार रहिए.' सनी ने कहा, 'अगर आप यह जानते भी हैं कि आप केवल वनडे मैच ही खेलेंगे, तो उन्हें बहुत ज्यादा प्रैक्टिस करनी होगी या फिर विजय हजारे जैसा टूर्नामेंट खेलना होगा. वजह यह है कि वनडे मुकाबले बहुत ही कम संख्या में खेले जा रहे हैं. शायद यही वजह है कि उन्होंने (चयन समिति) ने ऐसा फैसला किया है.'
गावस्कर ने कहा, 'हम नहीं जानते कि रोहित साल 2027 विश्व कप के लिए तैयार हो पाएंगे या नहीं. वह फिलहाल सिर्फ वनडे मैच ही खेलते हैं. अगर हम अंतरराष्ट्रीय कैलेंडर देखते हैं, तो भारतीय टीम ज्यादा वनडे मैच नहीं खेलने ज रही. द्विपक्षीय सीरीजों में ज्यादातर टेस्ट और टी20 मैच शामिल हैं. अगर, रोहित साल में 5-7 वनडे मैच खेलते हैं, तो उन्हें वह जरूरी मैच प्रैक्टिस नहीं मिल पाएगी, जिसकी जरूरत विश्व कप जैसे किसी बड़े टूर्नामें के लिए पड़ती है. अगर टीम में रोहित की जगह पक्की नहीं है, तो इसी वजह से गिल को तैयार करने का फैसला लिया गया.' गावस्कर ने रोहित की कप्तानी को श्रेय भी दिया, लेकिन यह भी कहा कि अब टीम को युवा कप्तान के सहारे आगे बढ़ने की जरूरत है.
अपने समय के दिग्गज ओपनर ने कहा, 'निजी तौर पर रोहित ने हमारे लिए बहुत कुछ किया है. उन्होंने अपनी कप्तानी में टी20 विश्व कप और चैंपियंस ट्रॉफी जीती है. उनकी कप्तानी को लेकर कोई सवाल नहीं है. लेकिन वह खुद इस फैसले से समहत होंगे क्योंकि अगर आपको अगले दो साल के बारे में सोचना है, तो आपको एक युवा कप्तान को तैयार करने की जरूरत होती है. और चयन समिति इसी विचार के साथ आगे बढ़ी है.