"तब वह पूरी तरह से अकेला था और...", इशांत ने बयां किया कोहली की जिंदगी का सबसे मुश्किल दौर

इशांत ने कहा कि तब से आज तक मुझे समझ नहीं आया कि अगर यह मेरे साथ होता, तो मैं मैदान पर भी नहीं जा पाता.

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पूर्व कप्तान विराट कोहली
नई दिल्ली:

आज के दौर में विश्व क्रिकेट के सबसे बड़े स्टार विराट कोहली (Virat Kohli) उस समय सिर्फ 18 साल के थे, जब उनके पिता का निधन हो गया था. जब विराट को पिता के निधन की सूचना मिली, तब वह दिल्ली में कर्नाटक के खिलाफ रणजी ट्रॉफी मैच खेल रहे थे. यह 19 दिसंबर, साल 2006 का दिन था, जब सुबह कोहली के पिता प्रेम का निधन हुआ. कोहली के साथ अंडर-17 के दिनों से खेलने वाले इशांत शर्मा ने इस दिन को कोहली के दिन का सबसे खराब दिन करार दिया. 

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इशांत ने एक पोडकास्ट कार्यक्रम में कहा कि जिस दिन विराट के पिता का निधन हुआ, वह अकेला और दुखी था. उसने कुछ भी नहीं कहा और वह बहुत ही गंभीर दिखायी पड़ा. मैंने उससे पूछा कि तुम कुछ क्यों नहीं कह रहे हो. मुझे उस समय कोई आइडिया नहीं था. इस लंबू पेसर ने कहा कि हमारे वीडिया एनालिस्ट ने बताया कि कोहली के पिता नहीं रहे. मुझे समझ नहीं आया कि कैसे रिएक्ट करूं, लेकिन उसने बल्लेबाजी की और 17 साल की उम्र में हमारे लिए मैच बचाया.  इशांत ने कहा कि तब से आज तक मुझे समझ नहीं आया कि अगर यह मेरे साथ होता, तो मैं मैदान पर भी नहीं जा पाता.

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वैसे कुछ साल पहले  कोहली ने इस बात का खुलासा किया था कि क्योंकि उसके पिता के निधन ने उन्हें दिल्ली के लिए बल्लेबाजी करने  से नहीं रोका.  विराट ने एक चैनल से बातचीत में कहा था कि मैं अभी भी उस रात को याद करता हूं, जब मेरे पिता का निधन हुआ. वह मेरे जीवन का सबसे मुश्किल समय था. लेकिन पिता के निधन के बाद खेलने की बात स्वत: ही ज़हन में आयी. मैंने सुबह दिल्ली के कोच को फोन किया. मैंने कहा कि मैं खेलना चाहता हूं क्योंकि मेरे लिए मैच पूरा न करना पाप है. यह वह पल था, जिसने बतौर शख्स मुझे पूरी तरह बदल दिया. खेल का महत्व मेरे जीवन में बहुत और बहुत ही ऊंचा है.  

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