गुजरात टाइटन्स के बल्लेबाजी कोच के तौर पर शुभमन गिल (Shubman Gill) के साथ करीब से काम करने वाले भारत के पूर्व विकेटकीपर पार्थिव पटेल को पूरा यकीन है कि इस युवा को भारतीय नेतृत्व की जिम्मेदारी संभालने में कोई दिक्कत नहीं होगी क्योंकि वह फैसले लेने में हिचकिचाते नहीं है. गिल के ‘सब को साथ लेकर चलने के स्वभाव से प्रभावित' पटेल फैसला लेने के मामले में उनकी स्पष्टता से प्रभावित है. उन्होंने कहा कि फैसला लेने के मामले में गिल के पास ‘शायद' का विकल्प नहीं होता है. इस 40 साल के पूर्व खिलाड़ी ने कहा, ‘गंभीर ने अब उनके साथ काफी समय बिताया है. मैं गिल को देखा है कि वह हर तरह की परिस्थितियों के लिए अच्छी तरह तैयारी करते हैं. और मैंने एक सत्र में उनके फैसलों में दृढ़ता देखी है और वह जो करना चाहते हैं, उसके बारे में पूरी तरह आश्वस्त होते हैं.' उन्होंने कहा, ‘शुभमन के नेतृत्व में या तो ‘हां' या ‘ना' होता है. उनके पास ‘शायद' के लिए कोई जगह नहीं है. एक कप्तान के तौर पर आपको अपने फैसलों को लेकर दृढ़ता रखनी चाहिए और उनमें यह गुण है.'
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इस बात पर हालांकि काफी बहस चल रही है कि क्या गिल को खेल के सभी टेस्ट के बाद वनडे टीम की कमान देने में जल्दबाजी की गयी? पटेल ने इसे ‘प्रगतिशील फैसला' करार देते हुए इसे भारतीय क्रिकेट के लिए फायदेमंद करार दिया. आईपीएल में गिल की कप्तानी क्षमता देखने के बाद पटेल को इस इंग्लैंड में टेस्ट टीम के नेतृत्व को लेकर उनकी क्षमता पर कोई संदेह नहीं था.
उन्होंने कहा,‘गिल ने पिछले दो साल से आईपीएल में गुजरात टाइटन्स की कप्तानी करते हुए नेतृत्व कौशल दिखाया है, जिस तरह उन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट टीम का नेतृत्व किया, यह (उन्हें आगे बढ़ाना) एक शानदार फैसला है और हम सही दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.' पटेल इस बात से काफी प्रभावित हैं कि गिल परिस्थितियों को भांप कर फैसले लेने के मामले में लचीला रुख अपनाते है और दूसरे के सुझावों का पूरी तरह से स्वागत करते हैं.' पार्थिव बोले, ‘वह हमेशा सुझावों के लिए तैयार रहते हैं. वह कप्तान के तौर वह एक समावेशी व्यक्ति हैं और एक कप्तान से आप यही चाहते हैं.'
घरेलू क्रिकेट में एक दशक तक गुजरात की अगुवाई वाले पटेल ने कहा कि गिल के लिए विराट कोहली और रोहित शर्मा की कप्तानी करना मुश्किल नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जिस तरह के व्यक्तित्व के हैं, उसे देखते हुए इसमें कोई समस्या होगी. आप विराट को ही देख लीजिए वह तब कप्तान बने थे, जब महेंद्र सिंह धोनी खेल रहे थे. वह जानते हैं कि एक नये कप्तान को तैयार करने में एक सीनियर खिलाड़ी की क्या भूमिका होती है. रोहित के कप्तान बनने पर भी यही स्थिति थी. हां, विराट उनके सीनियर नहीं थे, लेकिन फिर भी एक पूर्व कप्तान थे.'