'गावस्कर होता तो पूरे भारत को हिला देता...", पटौदी ट्रॉफी का नाम बदले जाने पर पूर्व दिग्गज ने तेंदुलकर पर साधा निशाना

Karsan Ghavri on Anderson-Tendulkar Trophy: टेस्ट सीरीज (पटौदी ट्रॉफी) का नाम बदलकर एंडरसन- तेंदुलकर ट्रॉफी कर दिया गया था जिसकी खूब आलोचना हुई थी.

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Karsan Ghavri Big Statement on Anderson-Tendulkar Trophy
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  • भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का नाम बदलकर एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी किया गया था, जिसकी आलोचना हुई थी.
  • करसन घावरी ने बीसीसीआई और सचिन तेंदुलकर को नाम बदलने के खिलाफ कड़ा रुख न अपनाने पर आलोचना की है.
  • घावरी ने कहा कि अगर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का नाम बदल दिया जाता तो गावसकर आहत हो जाते.
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Karsan Ghavri react on Anderson-Tendulkar Trophy: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज (पटौदी ट्रॉफी) का नाम बदलकर एंडरसन- तेंदुलकर ट्रॉफी कर दिया गया था जिसकी खूब आलोचना हुई थी. जिसके बाद सचिन ने ईसीबी से बात की थी. तब जाकर पटौदी पदक की शुरूआत हुई. लेकिन इसके बाद भी भारत के पूर्व दिग्गज तेज गेंदबाज करसन घावरी आहत हैं, उन्होंने पटौदी ट्रॉफी का नाम बदलने को लेकर बीसीसीआई की आलोचना की है. विक्की लालवानी के यूट्यूब चैनल पर पर बात करते हुए  भारत के पूर्व दिग्गज करसन घावरी (Karsan Ghavri) ने भारत-इंग्लैंड सीरीज़ का नाम बदलने के खिलाफ कड़ा रुख न अपनाने के लिए बीसीसीआई और सचिन तेंदुलकर की आलोचना की.

उन्होंने सुनील गावस्कर का नाम भी लिया और कहा कि 'अगर बॉर्डर-गावस्कर का नाम बदल दिया जाता, तो वो "पूरे भारत को हिला देता". घावरी ने आगे कहा, "यह बहुत गलत है. पहली बात, ऑस्ट्रेलिया-वेस्टइंडीज सीरीज़ को हमेशा फ्रैंक वॉरेल ट्रॉफी कहा जाता है,  भारत-ऑस्ट्रेलिया ट्रॉफी को हमेशा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी कहा जाता है.  अगर इसका नाम बदल दिया गया, तो गावस्कर पूरे भारत को हिला के रख देगा." उन्होंने कहा कि, सचिन को इस बारे में खिलाफ जाना चाहिए था. यह बिल्कुल गलत फैसला था. बीसीसीआई को एमसीसी और ईसीबी के सामने अपनी बात रखनी चाहिए थी. टाइगर का नाम नहीं हटाया जाना चाहिए था

इसके बाद घावरी (Karsan Ghavri on Sachin Tendulkar) ने सचिन की आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने "अपनी बात नहीं रखी" और पटौदी के कद का सम्मान नहीं किया. करसन घावरी ने कहा, "जब सचिन तेंदुलकर की बात आई कि इस ट्रॉफी को बदला जाएगा और इस ट्रॉफी का नाम आपके और एंडरसन के नाम पर रखा जाएगा, तो सचिन को मना कर देना चाहिए था. आपत्ति अलग बात होती है."

पूर्व क्रिकेटर ने कहा, "सबसे पहले, आपको अपनी बात रखनी चाहिए थी और कहना चाहिए था, 'नहीं, मैं अपना नाम इस्तेमाल नहीं करना चाहता क्योंकि टाइगर पटौदी का नाम पहले से ही वहां है.  वह भारतीय क्रिकेट के दिग्गज हैं.  अगर आप मेडल देना चाहते हैं, तो मेरे नाम का इस्तेमाल करें. ट्रॉफी का नाम वही रहना चाहिए..सबसे पहले, यह सवाल कभी नहीं उठाया जाना चाहिए था. आप किसी महान क्रिकेटर का अपमान कर रहे हैं."

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