पूर्व नेशनल सेलेक्टर शरनदीप सिंह ने कहा है कि दक्षिण अफ्रीका टीम में खेल रही वनडे टीम में वैसा करंट नहीं दिख रहा, जो विराट कोहली की कप्तानी के दौरान दिखायी पड़ता था. पूर्व सेलेक्टर का बयान ऐसे समय आया है, जब भारतीय टीम शुक्रवार को दूसरा वनडे गंवाकर वनडे सीरीज भी गंवा बैठी है और अब रविवार को उस पर खुद को सूपड़ा साफ करने से बचाने का बहुत ही ज्यादा दबाव है.
शरनदीप ने कहा कि टीम इंडिया पहले ही दिन से केवल टेस्ट में ही नहीं, बल्कि वनडे में भी प्रबल दावेदार थी. लेकिन भारतीय टीम ने बहुत ही निराशाजनक तरीके से टेस्ट सीरीज गंवायी और इसका खिलाड़ियों के प्रदर्शन से ही नहीं, बल्कि कप्तानी से भी लेना-देना है. उन्होंने कहा कि हमने सोचा कि केएल बहुत ही शांत और गंभीर किस्म के कप्तान हैं, लेकिन जब आप विराट की ओर देखते हैं, तो वह बहुत ही ऊर्जावान और सक्रिय थे. अब बाहर से देखने लग रहा है कि इस टीम में विराट जैसे करंट का अभाव दिख रहा है. इस टीम में वैसी ऊर्जा और करंट नहीं ही दिखायी पड़ रहा.
पूर्व सेलेक्टर ने कहा कि भारत ने 287 जैसा बड़ा स्कोर बनाया, लेकिन दक्षिण अफ्रीका एक चैंपियन टीम की तरह खेला. मेजबानों ने अनुशासित क्रिकेट खेली. यह टीम जीत के लिए खेलती दिखायी पड़ी. उन्होंने कहा कि अगर आप वेंकटेश अय्यर की बात करते हो, तो वह उतना तेज नहीं है. अय्यर एक ओपनर बल्लेबाज है. उसने टी20 में अच्छा किया और वह एक बड़े हिट लगाने वाला बल्लेबाज है, लेकिन अब उसे नंबर छह पर खिलाया जा रहा है.
पूर्व ऑफी ने कहा कि अब समस्या अय्यर के साथ यह है कि नंबर छह पर फील्डर घेरे के बाहर चले जाते हैं. ऐसे में वह बड़े शॉट नहीं लगा सकता. वह बैटिंग में संघर्ष कर रहा है और विकेट लेने में नाकाम साबित हो रहा है. शरनदीप बोले कि इस सीरीज में बुमराह और शमी दोनों को ही आराम देते हुए प्रसिद्ध कृष्णा को टीम में जगह देनी चाहिए. उन्होंने कि मोहम्मद सिराज अभी भी चोटिल है, लेकिन मैं प्रसिद्ध कृष्णा का बड़ा प्रशंसक हूं. इस युवा और लंबे सीमर को मौका मिलना ही चाहिए.
शरनदीप बोले कि मुझे लगता है कि भारतीय टीम की फील्डिंग भी खराब रही. कई कैच टपकाए गए. आप देख सकते हैं कि सिंगल रन कितनी आसानी से दिए गए. सर्किल में फील्डिंग दिखायी ही नहीं पड़ी. हैरानी की बात यह रही कि विराट फील्डिंग में घेरे में दिखायी ही नहीं पड़े. वह बाउंड्री पर फील्डिंग कर रहे हैं और 30 गज के घेरे में नहीं दिख रहे. उन्होंने कहा कि यही टीम शास्त्री और कोहली के रहते बहुत अच्छा कर रही थी. ये दोनों टीम में आक्रामकता लेकर आए. सभी ने देखा कि शास्त्री ने कैसे टीम में जोश भरा. यह टीम पिछले सात साल से बेहतर कर रही थी, लेकिन आप देखिए कि यह टीम दक्षिण अफ्रीका में कैसी दिख रही है.
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