नई दिल्ली: अभ्यास मैचों में तो टीम इंडिया ने बाज़ी मार ली, लेकिन वनडे सीरीज़ जीतने के लिए टीम इंडिया को एक ऑलराउंडर की ज़रूरत पड़ सकती है। टीम इंडिया एक और विदेशी दौरे पर है और इस दौरे पर जीत के लिए ज़रूरी है कि टीम इंडिया के पास एक उम्दा तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर हो, एक ऐसा हरफनमौला खिलाड़ी जो विदेशी पिच पर विकेट लेने के साथ-साथ ज़रूरत पड़ने पर तेज़ी से थोड़े बहुत रन भी बटौर सके।
विदेशी ज़मीन पर ऐसा खिलाड़ी कप्तान के विकल्प को बढ़ाता है और टीम के बैलेंस के लिए बेहद ज़रूरी होता है। कप्तान धोनी ने ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले इस बारे में ज़िक्र भी किया था। धोनी ने कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वे टीमें निरंतर अच्छा करती हैं, जिनके पास तेज़ गेंदबाज़ी ऑलराउंडर होते हैं। हमें अभी भी एक अच्छे तेज़ गेंदबाज़ ऑलराउंडर की तलाश है। खासतौर पर विदेश में ऐसे ऑलराउंड़र की कमी टीम इंडिया को अकसर खलती है।
पांच वनडे मैच की सीरीज में टीम इंडिया पर नजर डालें, तो सिर्फ़ एक ही नाम इस जगह को भरता हुआ नज़र आता है और वो है ऋषि धवन। युवा ऋषि ने 51 फ़र्स्ट क्लास मैचों में 40.84 की औसत से 2165 रन बनाए हैं और 220 विकेट अपने नाम किए हैं। ऑस्ट्रेलिया में ऋषि धवन ने बयान दिया है कि मेरा घरेलू सीज़न अच्छा गया, मुझे उम्मीद है कि मैं ऑस्ट्रेलिया में उसी फ़ॉर्म को जारी रख पाऊंगा, मैं इंडिया-ए की तरफ़ से एक बार ऑस्ट्रेलिया का दौरा कर चुका हूं।
पिछले कुछ सालों में टीम इंडिया ने इस जगह को भरने के लिए इरफ़ान पठान से लेकर स्टूअर्ट बिन्नी तक को मौका दिया, मगर कोई भी कामयाब नहीं हो पाया। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया की टीम पर अगर नज़र डालें, तो उनके पास मौजूदा वक्त में भी दो ऐसे ऑलराउंडर है जो कांटे के मुकाबले में घातक साबित होते हैं।
जेम्स फ़ॉल्कनर ने 44 वनडे मैचों में 42.84 की औसत से 814 रन बनाए हैं और 60 विकेट उनके खाते में हैं। मिचेल मार्श ने 23 वनडे मैचों में 33.11 की औसत से 596 रन बनाए हैं और 19 विकेट उनके नाम हैं। मैच से पहले धोनी की दुविधा यही होगी कि वो एक ऋषि के साथ जाएं और एक एक्सट्रा बल्लेबाज़ या गेंदबाज़ खिलाए या फिर स्पेशलिस्ट पर ही भरोसा करें। सवाल बड़ा है, मगर जवाब सही मिला तो फिर टीम इंडिया को रोकना आसान नहीं होगा।