आर अश्विन (Ravichandran Ashwin) एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो क्रिकेट में नई नई खोज और विचारों के लिए जाने जाते हैं. क्रिकेट के नियमों को भी अश्विन अक्सर चैलेंज देते रहते हैं. अब अश्विन ने वनडे फॉर्मेट के क्रिकेट पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं. रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) का मानना है कि वनडे क्रिकेट को अपनी प्रासंगिकता तलाशनी होगी क्योंकि यह ‘बिना उतार चढाव' के टी20 क्रिकेट का विस्तार वाला प्रारूप बनता जा रहा है.
दुनिया भर में द्विपक्षीय वनडे की प्रासंगिकता कम होती जा रही है और भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री समेत कई दिग्गजों का मानना है कि इस तरह की श्रृंखलाओं की बजाय फ्रेंचाइजी आधारित टी20 लीग अधिक होनी चाहिये. अश्विन ने ‘वानी एंड टफर्स क्रिकेट क्लब पॉडकास्ट में कहा ,‘‘ यह प्रासंगिकता की बात है और मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट को अपनी प्रासंगिकता तलाशनी होगी . उसे अपनी जगह बनानी होगी .
उन्होंने कहा ,‘‘ वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी खूबसूरती यह थी कि इसमें उतार चढाव नहीं है . इस प्रारूप में गेंदबाजों की भी भूमिका होती है. आजकल वनडे पारी में दो नयी गेंदें ली जाती है लेकिन अश्विन का मानना है कि पुराने प्रारूप पर लौटना चाहिये जिसमें एक ही गेंद का प्रयोग होता था . उन्होंने कहा ,‘‘ एक गेंद के प्रयोग से मुकाबला बराबरी का होता था . रिवर्स स्विंग भी मिलती थी जो खेल के लिये जरूरी है .''
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