- विराट के वनडे कप्तानी से हटने के बाद और मुखर हुए शास्त्री
- लगातार मीडिया में बोल रहे हैं शास्त्री
- एक दिन पहले ही बीसीसीआई पर बरसे थे
भारत के पूर्व कोच हो चुके रवि शास्त्री का टीम के साथ कोचिंग काल बहुत ही उम्दा रहा. कई बड़ी जीत भारत ने उनके मार्गदर्शन में हासिल की. जीत प्रतिशत उम्दा रहा, लेकिन एक आईसीसी खिताब न जीत पाना ही उनके सफर के खत्म होने की वजह बन गया. शास्त्री की कोचिंग में टीम इंडिया ने अलग तरह की क्रिकेट खेली और युवा खिलाड़ियों ने भी एक निडर रवैया अख्तियार किया. कोच पद छोड़ने और विराट कोहली के वनडे कप्तान कप्तानी से हटने के बाद शास्त्री मुखर हैं. विषयों पर साफ-साफ खुलकर बोल रहे हैं. इसी कड़ी में दिग्गज ने देश में बढ़ रहे प्रतिभाशाली खिलाड़ियों की जमकर तारीफ की. युवाओं के बारे में बातचीत करते हुए शास्त्री ने उन तीन खिलाड़ियों का नाम लिया, जो उनके हिसाब से पूर्व के क्रिकेटरों से अलग हैं. इस कड़ी में शास्त्री ने ऋषभ पंत, शुबमन गिल और जसप्रीत बुमराह का नाम लिया. इन तीनों खासकर पंत और बुमराह ने हालिया समय में भारत की जीतों में अच्छा असर छोड़ा है. वहीं शुबमन गिल उम्मीदों पर खरे भले न उतरें हो, लेकिन उनकी प्रतिभा कैसी है, उससे हर शख्स वाकिफ है. और सभी को भरोसा है कि देर-सबेर यह बल्लेबाज भी अपना दबदबा बनाएगा.
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शास्त्री ने एक मैगजीन से बातचीत में कहा कि ये तीनों खिलाड़ी बहुत ही शानदार हैं. इनको अपना करियर शुरू किए कुछ ही समय हुआ है, लेकिन इनका आत्मविश्वास अपने से कहीं पहले से खेल रहे खिलाड़ियों जैसा है. इनकी निर्भीकता बहुत ही शानदार और कहीं ज्यादा है. पिछली पीढ़ियों के खिलाड़ियों की तुलना में कहीं ज्यादा अनुभवी दिखायी पड़ते हैं.
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शास्त्री ने आगे कहा कि इसमें दो राय नहीं कि आईपीएल का असर भारतीय क्रिकेट के विकास पर पड़ा है. वजह यह है कि युवा खिलाड़ी सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करते हैं. उन्हें इससे कॉन्फिडेंस मिलता है और अहम बातें सीखने को मिलती हैं. पूर्व कोच ने कहा कि मैंने हमेशा यह कहा कि आईपीएल अलग रही है. दुनिया के दिग्गजों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करना, उनके खिलाफ खेलना और फिर भारतीय टीम में आना. यह प्रक्रिया उन्हें अनुभव और कॉन्फिडेंस प्रदान करती है. शास्त्री ने कहा कि अपने दिनों में जब मैं घरेलू क्रिकेट खेलता था, तो अधिकतम मैंने 74 किमी/घंटा की रफ्तार वाले गेंदबाजों का सामना किया था. जब मैं भारतीय टीम में आया,तो मैंने इमरान खान और विंडीज पेसरों का सामना किया. यह एक अलग अनुभव था.
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