जारी सीजन में तमिनलाडु के रणजी ट्रॉफी सेमीफाइनल में पहुंचने में उसके कप्तान साई किशोर (Sai Kishore) की बड़ी अहम भूमिका रही थी, लेकिन मुंबई के खिलाफ करो या मरो के नॉकआउट मुकाबले में करीब ढाई दिन मैच हारने के बाद साई किशोर पर टीम के कोच और मुंबई के पूर्व बल्लेबाज सुलक्षण कुलकर्णी ने ही बड़ा आरोप लगा दिया है. दरअसल साई किशोर ने पेसरों के अनुकूल विकेट पर टॉस जीतने के बाद पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. इस फैसले पर तमिलनाडु के रविचंद्रन अश्विन और सौराष्ट्र के जयदेव उनाडकट ने बहुत ही हैरानी जाहिर की थी. लेकिन हुआ यह कि पहले दिन पहले ही सेशन में तमिलनाडु का स्कोर 5 विकेट पर 45 रन हो गया. और शुरुआत ऐसी खराब हुई कि फिर तमिलनाडु मुकाबले में कभी ट्रैक पर नहीं आ सकी. मुंबई ने तमिलनाडु को पारी और 70 रन से हराकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में प्रवेश किया.
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कुलकर्णी ने कहा कि जिस समय मैंने पिच देखी, मैं तभी जान गया ता कि हम यहां क्या करने जा रहे हैं. जब मैंने देखा कि क्वार्टरफाइनल में वे अलग ही पिच पर खेले थे. और जिस तरह की पिच उन्होंने हमें दी, मैं समझ गया कि यह पेसरों का मददगार विकेट होने जा रहा है. मैं समझ गया कि यह बहुत ही मुश्किल मैच होने जा रहा है और हमें यहां जीतने के लिए वास्तव में बहुत ही अच्छा खेलना होगा.
मुंबई के लिए कई साल खेलने वाले इस पूर्व विकेटकीपर ने कहा कि मैं हमेशा साफ बोलता हूं. हम मैच के पहले ही दिन सुबह 9 बजे मैच हार गए. हर बात सही थी. हमने टॉस जीता. मुंबई का होने के नामत मैं यहां के हालात जानता था. हमें यहां पहले गेंदबाजी करनी चाहिए थी, लेकिन कप्तान की कुछ अलग ही सोच थी. उन्होंने कहा कि आखिर में कप्तान ही बॉस होता है. मैं केवल अपना सुझाव दे सकता हूं कि मुंबई कि पिच कैसी है और सामने वाली टीम की क्या मनोदशा है. मैं जानता हूं कि 7 विकेट 106 पर गिरने बावजूद मुंबई बड़ा स्कोर खड़ा कर सकता है. उन्होंने कहा मुंबई का निचला क्रम देश में सर्वश्रेष्ठ है. मुंबई के पास देश के सर्वश्रेष्ठ नौ और दस बल्लेबाज हैं. मैंने ड्रेसिंग रूम में कहा कि उनकी बल्लेबाजी नंबर छह के बाद शुरू होती है. मैं घोड़े को पानी तक ले जा सकता हूं, लेकिन पानी तो घोड़े को ही पीना है.














