भारतीय कप्तान विराट कोहली ने डीआरएस (Virat Kohli on DRS) का विवादित फैसला डीन एल्गर के पक्ष में जाने के बाद प्रसारकों के खिलाफ अपनी टीम के मौखिक हमले का बचाव करते हुए शुक्रवार को कहा कि बाहर बैठे लोग मैदान पर इस तरह के व्यवहार के कारणों को नहीं जानते. कोहली और उनके साथियों ने तीसरे टेस्ट के तीसरे दिन अंतिम 45 मिनट के दौरान तब अपना आपा खो दिया जब दक्षिण अफ्रीका के कप्तान डीन एल्गर को विवादास्पद डीआरएस फैसले के कारण क्रीज पर टिके रहे. भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी निराशा स्टंप माइक पर व्यक्त की.
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भारत तीसरा मैच सात विकेट से हारने के कारण श्रृंखला 2-1 से गंवा बैठा. कोहली ने शुक्रवार को यहां मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मुझे इस पर कोई टिप्पणी नहीं करनी है। हम जानते हैं कि मैदान पर क्या हुआ और बाहर बैठे लोगों को पता नहीं होता है कि मैदान पर क्या चल रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए मैदान पर हमने जो कुछ किया उसे सही ठहराने की कोशिश करना और यह कहना कि हम भावनाओं में बह गये ……।''
कोहली ने वाक्य पूरा नहीं किया. कोहली ने कहा, ‘‘अगर हम वहां पर हावी हो जाते और तीन विकेट लेते तो संभवत: वह क्षण खेल की दिशा बदल देता. यह घटना 21वें ओवर में घटी जबकि रविचंद्रन अश्विन की उछाल लेती गेंद सीधे एल्गर के पैड पर लगी। अंपायर मारियास इरासमस ने उंगली उठा दी लेकिन एल्गर ने डीआरएस लिया.
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रीप्ले से हालांकि पता चला कि गेंद विकेट के ऊपर से निकल रही थी और ऐसे में अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा. इस पर भारतीय खिलाड़ियों ने अपनी निराशा खुलकर व्यक्त की. अब तक 99 टेस्ट खेल चुके कोहली ने कहा कि वह इसे विवाद नहीं बनाना चाहते हैं और उनकी टीम इससे आगे निकल चुकी है. उन्होंने कहा, ‘‘वास्तविकता यह है कि हमने इस टेस्ट मैच में उन पर लंबे समय तक पर्याप्त दबाव नहीं बनाये रखा और इसलिए हम मैच हार गये.
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