Mohit Sharma on MS Dhoni: मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी शांत रहने की वजह से एमएस धोनी को 'कैप्टन कूल' के नाम से जाना जाता है. उनकी रणनीति, बल्लेबाजी और विकेटकीपिंग के अलावा, दबाव से निपटने का उनका तरीका भी कुछ ऐसा है जिसकी कई लोगों ने प्रशंसा की है और पसंद किया है. हालांकि, कई बार धोनी को भी अपना आपा खोते हुए देखा गया है, हालांकि ऐसी घटनाएं बेहद दुर्लभ हैं. ऐसी ही एक घटना आईपीएल 2019 की थी, जब धोनी अंपायरों के साथ तीखी बहस में उलझ गए थे और पूरा मामला खराब नोट पर समाप्त हुआ था.
चेन्नई सुपर किंग्स जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में राजस्थान रॉयल्स के खिलाफ खेल रही थी. कांटे की टक्कर के आखिरी ओवर में, CSK को नो-बॉल नहीं दी गई, क्योंकि लेग अंपायर कमर से ऊंची फुल टॉस गेंद से संतुष्ट थे. धोनी, जो उस समय बाउंड्री रोप के बाहर थे, खुद को नियंत्रित नहीं कर पाए और अंपायरों से बुरी तरह उलझने के लिए मैदान में कूद पड़े. भारतीय टीम से बाहर चल रहे खिलाड़ी और धोनी के तत्कालीन साथी मोहित शर्मा ने इस घटना पर खुलकर बात की.
"हम डगआउट से चिल्ला रहे थे: "मत जाओ, मत जाओ, मत जाओ." हालांकि, वो पलटे भी नहीं. वह ऐसे गए की लगा कि शेर घुस गया. वह पहले से ही गुस्से में थे क्योंकि वह अभी-अभी आउट हुए थे," मोहित ने यूट्यूब चैनल '2 स्लॉगर्स' पर कहा. "यह ऐसी स्थिति थी जहां उसे आउट नहीं होना चाहिए था. अचानक वह दृश्य आया. उन्होनें हमसे पूछा, 'इसने नो बॉल दी थी ना?'. हम उलझन में थे कि हमें यह कहना चाहिए या नहीं. हमने उनसे कहा कि हां, अंपायर ने अपना हाथ उठाया था. उसके बाद वह नहीं रुके." उन्होंने कहा.
यह कहते हुए कि ऐसा नहीं होना चाहिए था, मोहित ने बातचीत का समापन यह कहकर किया कि उन्हें यह देखकर मज़ा आया. "मैंने अपने वीडियो विश्लेषक को इसके बारे में बताया. उसने वीडियो देखा और फिर कहा, 'नो बॉल तो है यार ये'. वह बस इतना कह रहा था कि इससे कोई फ़र्क नहीं पड़ता कि वे जीते या नहीं, लेकिन किसी के दबाव के कारण फ़ैसला बदलना सही नहीं है," उन्होंने कहा. "क्या हुआ क्या नहीं हुआ वो दुर्भाग्यपूर्ण था. वो आम तौर पर नहीं होना चाहिए था लेकिन ठीक है हो गया तो मज़ा तो आया देखने में."