Rohit on retirement: भारतीय कप्तान रोहित शर्मा (Rohit Sharma) ने चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) के बाद अपने वनडे से संन्यास को लेकर चल रही चर्चाओं और अफवाहों को लेकर बड़ा बयान दिया है. रोहित ने खिताबी जीत के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं इस फॉर्मेट से संन्यास लेने नहीं जा रहा हूं. आप यह सुनिश्चित करें कि फैल रही ऐसी कोई अफवाह आगे न जाए. मेरा ऐसा कोई फ्यूचर प्लान नहीं है. जो चल रहा है, चलेगा. रोहित ने कहा, 'यहां उस शख्स में भी बहुत ज्यादा भूख है, जो बहुत ज्यादा क्रिकेट खेल चुका है. हमारी टीम में पांच से छह खिलाड़ी ऐसे हैं, जो वास्तव में दिग्गज हैं.यह बात हमारे काम को खासा आसान बना देते ही', रोहित ने मीडियाकर्मियों की उपस्थिति में ऐसा कहकर फाइनल से पहले चल रहीं तमाम चर्चाओं पर विराम लगा दिया कि रोहित फाइनल के बाद व्हाइट-बॉल फॉर्मेट की कप्तानी छोड़ सकते हैं. वैसे यह भी एक तथ्य है कि अगले दो महीने में रोहित 38 साल के हो जाएंगे. और भारत को अगला बड़ा ICC टूर्नामेंट 2027 में खेलना है. ऐसे में देखना होगा कि भारतीय कप्तान कितने समय तक वनडे खेलने जा रखते हैं. चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के एक दिन बाद रोहित ने कहा कि उन्होंने अभी 2027 विश्व कप खेलने के बारे में नहीं सोचा है.
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रोहित ने कहा, 'मैं चीजों को वैसे ले रहा हूं, जैसे ये मेरे सामने आ रही हैं. यह कहना मेरे लिए सही नहीं होगा कि मैं बहुत आगे की सोच रहा हूं. इस समय मेरा पूरा ध्यान अच्छे खेलने और सही मनोदशा बरकरार रखने पर है.मैं कोई लकीर नहीं खींचना चाहता. मैं यह नहीं कहना चाहता कि मैं 2027 विश्व कप में खेलूंगा या नहीं खेलूंगा'
'ज्यादा दूर की नहीं सोचता'
भारतीय कप्तान ने कहा, 'ऐसे बयान देने का कोई मतलब नहीं है. वास्तविकता यह है कि मैंने अपने करियर में एक समय में एक फैसला लिया है. मैं भविष्य में ज्यादा दूर की सोचना पसंद नहीं करता. और मैंने पूर्व में भी ऐसी ही प्रक्रिया पर अमल किया है. फिलहाल मैं अपने खेल का लुत्फ उठा रहा हूं. और मैं इस टीम के साथ समय गुजारता हूं. उम्मीद करता हूं कि मेरे साथी मेरी उपस्थिति का भी लुत्फ उठाएं. इस स्टेज पर यही बात मायने रखती है'
'ऐसा होना अपने आप में बड़ी उपलब्धि'
चैंपियंस ट्रॉफी जीतने के बाद भारतीयक कप्तान ने टूर्नामेंट में टीम के सफर, चुनौतियों पर विजय पाना और भविष्य को लेकर अपने नजरिए पर राय रखते हुए कहा, 'हम सभी पांच मैचों में टॉस हारने के बावजूद विजयी रहे. पूरे टूर्नामेंट में हमने एक भी मैच नहीं हारा और ट्रॉफी जीती. कोई भी टूर्नामेंट बिना एक भी मैच हारे जीतना एक बड़ी उपलब्धि है. यह बात मुझे बहुत ही ज्यादा संतुष्टि प्रदान करती है. जब तक हमने ट्रॉफी नहीं जीत ली, तब तक हममे से किसी ने भी इस बारे में नहीं सोचा. लेकिन जीतने के बाद इसका असर होना स्वाभाविक है. हम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रहे. यह एहसास इस बात को और खास बनाता है'