दुनियाभर के क्रिकेटर पिछले दो सालों से क्रिकेट में बने बायोबबल से मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं. अब धीरे धीरे खिलाड़ियों के मन की बात बाहर आने लगी है. ताजा खबर में इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन (Kevin Pietersen) ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटरों और सहयोगी स्टाफ के लिये कड़े बायो बबल (Bio-Bubbles) को खत्म करने का अपील करते हुए मंगलवार को कहा कि कोविड-19 को रोकने के लिए बनायी गयी व्यवस्था से क्रिकेट को नुकसान हो रहा है. पीटरसन (Kevin Pietersen) का बयान भारतीय टेस्ट कप्तान विराट कोहली ( Virat Kohli) और पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री के विचार से भिन्न है जिन्होंने कोविड-19 की वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए पूर्व में कार्यभार प्रबंधन के लिये संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की वकालत की थी.
यह पढ़ें- Ashes 2021-22: स्टीव स्मिथ हुए हैरान, वह इंग्लिश खिलाड़ी है
पीटरसन ने ट्वीट किया, ‘‘जितनी जल्दी हो सके खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के लिये सख्त बायो बबल खत्म करने की आवश्यकता है. अभी जो दुनिया का सबसे अच्छा काम है वह उसे बर्बाद कर रहा है.''
यह पढ़ें- SA vs IND: लॉर्ड शार्दुल ठाकुर का कहर, 'जोड़ी ब्रेकर' बन अफ्रीकी बल्लेबाजों का किया बुरा हाल
वर्तमान एशेज श्रृंखला से पूर्व ऐसी रिपोर्ट आयी थी कि इंग्लैंड के शीर्ष खिलाड़ी पांच मैचों की श्रृंखला का बहिष्कार कर सकते हैं क्योंकि वे बायो बबल के कड़े नियमों के कारण करीब चार महीने तक होटल के कमरों तक सीमित नहीं रहना चाहते हैं. खिलाड़ियों के प्रतिनिधियों, इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी), क्रिकेट आस्ट्रेलिया और आस्ट्रेलियाई सरकार के बीच बातचीत के बाद यह मामला सुलझा लिया गया था. अब देखना होगा इसमें आईसीसी और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड मिलकर क्या व्यवस्था करते हैं.
जोहानिसबर्ग टेस्ट में नहीं खेले विराट कोहली, क्रोनोलॉजी से क्या समझें?
.