- करुण नायर को आठ साल बाद भारतीय टीम में वापसी का मौका मिला है, लेकिन वह अब तक अपने प्रदर्शन से उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए हैं.
- उन्होंने तीन टेस्ट मैचों की छह पारियों में कुल एक सौ इकतीस रन बनाए हैं, जो उनके लिए संतोषजनक प्रदर्शन नहीं माना जा सकता.
- लीड्स टेस्ट में करुण नायर पहली पारी में क्लीन बोल्ड हो गए थे और दूसरी पारी में केवल बीस रन बना पाए थे.
Karun Nair, India vs England: सालों बाद टीम इंडिया के पास लॉर्ड्स में जीत हासिल करने का सुनहरा मौका बना है. मगर लक्ष्य का पीछा करते हुए बल्लेबाजों ने बेहद निराशाजनक आगाज किया है. खासकर करुण नायर ने जिस तरह से बल्लेबाजी की है. वह बेहद ही दिल तोड़ने वाली साबित हुई है. 33 वर्षीय बल्लेबाज को लगातार युवा खिलाड़ियों को नजरअंदाज करते हुए मौका दिया जा रहा है. मगर वह हर बार उन उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं. उनके फ्लॉप प्रदर्शन का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जारी सीरीज के अबतक तीनों मैचों में उन्हें मौका दिया गया है. जहां वह छह पारियों में 131 रन ही बना पाए हैं, जो अच्छा नहीं कहा जाएगा.
आठ साल बाद दोबारा मिला है मौका
करुण नायर को भारतीय टीम में करीब आठ साल बाद दोबारा मौका मिला है. मगर इस मौके को अबतक वह भुनाने में नाकामयाब रहे हैं. 33 वर्षीय खिलाड़ी के घरेलू क्रिकेट में लगातार बेहतरीन प्रदर्शन को देखते हुए उन्हें दोबारा टीम में चांस दिया गया है. मगर वह इस सुनहरे मौके को अबतक भुना नहीं पाए हैं.
लीड्स की पहली पारी में हो गए थे बोल्ड
आठ साल बाद वापसी करते हुए जब वह क्रीज पर उतरे तो सबकी निगाहें उन्हीं के ऊपर टिकी हुई थीं. मगर लीड्स में वह क्लीन बोल्ड हो गए. इसके बाद दूसरी पारी में भी उनका बल्ला कुछ खास नहीं चला और 20 रन बनाकर पवेलियन चलते बने.
दूसरा टेस्ट मैच दो जुलाई से छह जुलाई के बीच एजबेस्ट में खेला गया था. यहां उन्हें साईं सुदर्शन को नजरअंदाज करते हुए टीम में शामिल किया गया था. मगर यहां भी वह कुछ खास जलवा नहीं बिखेर पाए. पहली पारी में उन्होंने 31, जबकि दूसरी पारी में 26 रनों का योगदान दिया था.
अब तीसरा टेस्ट मैच 10 जुलाई से लॉर्ड्स में खेला जा रहा है. जहां पहली पारी में वह अच्छी शुरूआती करने में तो कामयाब रहे. मगर उसे बड़ी पारी में तब्दील नहीं कर पाए. यहां वह 40 रन बनाकर आउट हुए, जबकि दूसरी पारी में 14 रन पर ही पवेलियन चलते बने. जहां टीम को उनसे काफी आस थी.
लगातर छह पारियों में दिल तोड़ देने वाले प्रदर्शन के बाद उम्मीद जताई जा रही है कि आगे के मुकाबलों में एक बार फिर से टीम मैनेजमेंट उनकी जगह साईं सुदर्शन या तो धुर्व जुरेल पर भरोसा जता सकती है. क्योंकि मिले मौके पर नायर सही साबित नहीं हो पा रहे हैं.
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