भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच खेली जा रही पांच टी20 मैचों की सीरीज के बीच करोड़ों क्रिकेट प्रशंसकों का ध्यान रविवार को ही इंडियन प्रीमियर लीग (IPL 2022) के साल 203-2027 तक के लिए अगले पांच साल के मीडिया अधिकारों के लिए लगने वाली बोली पर भी हो चला है. ये मीडिया अधिकार मिलने वाली संभावित करीब चालीस से पचास हजार करोड़ रुपये की रकम के कारण काफी रुचिकर हो चले हैं. अधिकारों की रेस में मुख्य रूप से डिजनी-स्टार, वायाकॉम-18 सहित कुछ कंपनियां हैं. आईपीएल के साल 2008 में शुरू होने के बाद से यह पहली बार होगा, जब अधिकारों के लिए ई-नीलामी होगी. नीलामी की प्रक्रिया काफी लंबी चलेगी और अगले कुछ दिनों तक विजेता के नाम का ऐलान नहीं किया जाएगा. IPL Media Rigths को लेकर आपके मन में कई सवाल चल रहे होंगे. चलिए हम आपके लिए 8 प्वाइंट्स के जरिए बोली से जुड़े तमाम बातें लेकर आए हैं, जिससे आपको media rights से जुड़ी तमाम बातें स्पष्ट हो सकें.
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1. पहली बार लगेगी ई-ऑक्शन से बोली
रविवार के दिन आईपीएल मीडिया अधिकारों के लिए प्रक्रिया मुंबई में सुबह 11 बजे से शुरू होगी. नीलामी को लेकर बीसीसीआई ने कोई डेड लाइन तय नहीं की है. और उम्मीद है कि यह अगले कुछ दिन तक चलेगी. बोली की प्रक्रिया पूरी होने तक नीलामी चलेगी. ऐसा पहली बार है, जब अधिकार तय करने के लिए ई-नीलामी का आयोजन हो रहा है. पिछली नीलामियों से उलट ई-नीलामी में कंपनियों को यह तय करना होता है कि एक स्तर विशेष के बाद उन्हें इसे जारी रखना है या नहीं
2. बोली के लिए कागजात
पिछले महीने की दस तारीक तक टेंडर के कागजात खरीद के लिए उपलब्ध थे. इसके लिए टेंडर फॉर्म या कागजात लेने वाली कंपनी को इसके लिए 25 लाख रुपये +कर का भुगतान करना था. और बता दें कि यह रकम नॉन रिफंडेबल रकम है. मतलब अगर कोई कंपनी बोली से नाम वापस ले लेती है, तो पच्चीस लाख रुपये वापस नहीं होंगे. Amazon को पच्चीस लाख नहीं मिलेंगे.
3. बोली लगाने वाली कंपनियां
वर्तमान में आईपीएल के मीडिया अधिकार स्टार ग्रुप के पास हैं, जबकि डिजिल अधिकार (OTT) डिजनी+हॉटस्टार के पास हैं. अब इसे रिलायंस ग्रुप के वायकॉम स्पोर्ट्स 18, एप्पल इंक जी इंटरटेनमेंट इंटरप्राइसेस, सोनी ग्रुप, गूगला (अल्फाबेट इंक) और सुपर स्पोर्ट(दक्षिण अफ्रीका) से खासी चुनौती मिलेगी. Amazon रेस से हट गया है.
4. डिजिटल अधिकारों की कीमत
इन अधिकारों के तहत प्रत्येक मैच के लिए 33 करोड़ रुपये कीमत तय की -गयी है. यह कीमत पूरे टूर्नामेंट के हिसाब से 12210 करोड़ और प्रत्येक साल के लिए 2442 करोड़ रुपये बैठती है. पहले अमेजॉन और यू-ट्यूब इसके लिए खासे रुचिकर थे, लेकिन दोनों ही अब रेस से हट गए हैं.
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5. घरेलू ब्रॉडकास्टिंग (टीवी) राइट्स
इस कैटेगिरी के तहत ये टीवी प्रसारण अधिकार भारतीय उपमहाद्वीप के लिए हैं. और इसके तहत हर मैच के लिए कीमत 49 करोड़ रुपये बीसीसीआई ने निर्धारित की है. एक साल में 74 मैच को मिलाकर पांच साल के लिए यह कीमत 18,130 करोड़ रुपेय और हर साल की कीमत 3,626 करोड़ रुपये बैठती है.
6. अंतरराष्ट्रीय ब्रॉडकास्टिंग राइट्स
इस कैटेगिरी के तहत हर मैच के लिए बीसीसीआई ने न्यूनतम राशि 3 करोड़ रुपये तय की है. पांच साल के लिए यह रकम 1,110 करोड़ रुपये बैठती है.
7. नॉन एक्सक्लूसिव राइट्स
इस कैटेगिरी के तहत कुल मिलाकर 18 मैचों के लिए अलग से बोली लगायी जाएगी. इसके लिए बोर्ड ने हर मैच के लिए रिजर्व प्राइस 16 करोड़ रुपये रखा है. इसका मतलब यह है कि कुल मिलाकर यह पैकेज 1,440 करोड़ रुपये का है. इसके तहत ओनपिंग मैच, चार प्ले-ऑफ मुाकबले और डबल हेडर के तहत शाम को खेले जाने वाले 13 मैचों को मिलाकर कुल 18 मैच शामिल हैं.
8. बीसीसीआई का कुल बेस प्राइस
पिछली (साल 2017) नीलामी से बीसीसीआई को 16,347 करोड़ रुपये मिले थे, लेकिन इस बार हो सकता है कि यह रकम तीन गुना हो जाए. बीसीसीआई ने अधिकारों का बेस प्राइस 32,890 करोड़ रुपये तय किया है, जिसे लेकर सोनी के डॉयरेक्टर ने बोर्ड से फिर से समीक्षा करने का अनुरोध किया था, लेकिन बोर्ड अपने बेस प्राइस पर अडिग रहा. वैसे बाजार के विशेषज्ञ मानकर चल रहे हैं कि बोर्ड 45000 से लेकर 55000 करोड़ रुपये की रकम इन अधिकारियों से पा सकता है.