IPL 2024: आईपीएल में पहली बार इस्तेमाल होगा 'स्मार्ट रीप्ले सिस्टम', जानें क्या है ये और कैसे मिलेगा इससे फायदा

Smart Replay System: आईपीएल 2024 की शुरुआत 22 मार्च से होनी है. लीग के 17वें संस्करण का पहला मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला जाना है. वहीं इस सीजन में एक नया सिस्टम देखने को मिलेगा.

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IPL 2024: आईपीएल में पहली बार इस्तेमाल होगा 'स्मार्ट रीप्ले सिस्टम'

Smart Replay System: आईपीएल 2024 की शुरुआत 22 मार्च से होनी है. लीग के 17वें संस्करण का पहला मुकाबला रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु और चेन्नई सुपर किंग्स के बीच खेला जाना है. वहीं इस सीजन में एक नया  सिस्टम देखने को मिलेगा. शुक्रवार से शुरू होने वाले टूर्नामेंट में फैसलों में तेजी और सटीकता लाने के लिए 'स्मार्ट रीप्ले' प्रणाली शुरू की जायेगी. ईएसपीएनक्रिकइन्फो की रिपोर्ट अनुसार, हॉक-आई के आठ हाई-स्पीड कैमरे जमीन पर फैले हुए हैं, और दो हॉक-आई ऑपरेटर उसी रूम में बैठे होंगे जिसमें टीवी अंपायर बैठते हैं. इस दौरान उन्हें स्मार्ट रीप्ले सिस्टम के रूप में सीधे इमेज देंगे, जो उन्होंने कैद की है. नई व्यवस्था के तहत, टीवी प्रसारण निदेशक - जो अब तक हॉक-आई ऑपरेटरों और तीसरे अंपायर के बीच संपर्क का काम करते थे - इसमें शामिल नहीं होंगे.

यह दावा किया गया है कि टीवी अंपायर के पास स्मार्ट रीप्ले सिस्टम की बदौलत पहले की तुलना में अधिक फोटो के विश्लेषण का मौका होगा - जिसमें स्प्लिट-स्क्रीन इमेज भी शामिल हैं. मान लीजिए की बाउंड्री लाइन पर मौजूद फील्डर कोई कैच पकड़ता है. ऐसे में नए सिस्टम के दम पर अंपायर गेंद पकड़े जाने के ठीक उसी क्षण फील्डर के पैरों और हाथों को स्प्लिट-स्क्रीन पर देख पाएंगे, जो  ब्रॉडकास्टर के लिए उपलब्ध नहीं थी. नए सेटअप के साथ, पैर के बाउंड्री रोप से संपर्क करने या उससे बचने के क्षण का सिंक्रनाइज़ वीडियो एक स्प्लिट स्क्रीन पर दिखाया जा सकता है, जिसमें अंपायर गेंद को पकड़ने या छोड़ने का आह्वान करता है.

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इसी तरह, ओवरथ्रो की स्थिति में जिसके परिणामस्वरूप चौका लगता है, एक स्प्लिट स्क्रीन अब दिखा सकती है कि फील्डर द्वारा गेंद को छोड़े जाने के समय बल्लेबाज क्रास रहे थे या नहीं. अब जब हॉक-आई ऑपरेटरों के पास थ्रो शुरू होने के सटीक क्षण की तस्वीरें और उसी क्षण बल्लेबाजों की स्थिति की तस्वीरें हैं, तो वे टीवी अंपायर को वह जानकारी प्रदान कर सकते हैं. पहले, प्रसारण कैमरे और संसाधनों का उपयोग करके दो तस्वीरों को संयोजित करने में ब्रॉडकास्टर की असमर्थता मुख्य कारण थी कि टीवी अंपायर को ऐसे स्पष्ट दृश्य नहीं मिले.

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किसी भी मैच में आठ हॉक-आई कैमरे होते हैं, मैदान के दोनों तरफ सीधी बाउंड्री पर दो और विकेट के दोनों तरफ स्क्वायर की दिशा में दो कैमरे होते हैं. आईपीएल 2023 तक हॉक-आई कैमरों का इस्तेमाल मुख्य रूप से बॉल ट्रैकिंग और अल्ट्राएज के लिए किया जाता था. इसलिए, एलबीडब्ल्यू और एज की जांच के अलावा, ब्रॉडकास्टर ने बड़े पैमाने पर किसी भी ऑन-फील्ड रेफरल के लिए अपने स्वयं के कैमरे से फुटेज का उपयोग किया. इसमें स्टंपिंग, रन-आउट, कैच और ओवरथ्रो के रेफरल शामिल थे.

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उदाहरण के लिए स्टंपिंग रेफरल के मामले में, स्मार्ट रिव्यू सिस्टम के तहत, टीवी अंपायर हॉक-आई ऑपरेटरों से उसे स्प्लिट स्क्रीन दिखाने के लिए कह सकता है. यदि गेंद के बल्ले से गुजरने पर कोई गैप दिखाई देता है, तो वह अल्ट्राएज के लिए नहीं पूछेगा (यह देखने के लिए कि क्या यह पीछे पकड़ा गया था) और इसके बजाय सीधे स्टंपिंग के लिए साइड-ऑन रीप्ले की जांच करने के लिए आगे बढ़ेगा. यदि टीवी अंपायर को बल्ले और गेंद के बीच स्पष्ट अंतर नहीं दिखता है, तभी वह अल्ट्राएज को रेफर करेगा.

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बता दें, इससे पहले ईसीबी ने पहले द हंड्रेड में इसी तरह की रेफरल प्रणाली का परीक्षण किया है. बीसीसीआई ने नई प्रणाली पर चुनिंदा अंपायरों के लिए रविवार और सोमवार को मुंबई में दो दिवसीय कार्यशाला आयोजित की. रिपोर्ट के अनुसार,  यह पता चला है कि लगभग 15 अंपायर, जिनमें भारतीय और विदेशी दोनों अंपायर शामिल हैं, 22 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल 2024 के दौरान स्मार्ट रीप्ले सिस्टम के साथ काम करेंगे.

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