शिखर धवन को पत्नी आयशा से मिला तलाक, कोर्ट ने माना- पत्नी ने मानसिक क्रूरता की

Shikhar Dhawan Divorce: भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को उनकी पत्नी से आयशा मुखर्जी तलाक मिला, दिल्ली की फैमिली कोर्ट ने इसको लेकर फैसला दे दिया है.

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भारतीय क्रिकेटर शिखर धवन को उनकी पत्नी से आयशा मुखर्जी तलाक मिला.

Shikhar Dhawan Gets Divorce: दिल्ली की फैमिली कोर्ट ने बुधवार को क्रिकेटर शिखर धवन को उनकी पत्नी आयशा मुखर्जी से तलाक की मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने माना कि याचिकाकर्ता (शिखर धवन) क्रूरता के आधार पर तलाक के हकदार है. कोर्ट के उनकी 11 साल पुरानी शादी को खत्म करते हुए कहा, "इसमें कोई विवाद नहीं है कि दोनों पक्ष आपसी सहमति से तलाक लेने के लिए सहमत हुए थे और उनकी शादी बहुत पहले ही खत्म हो चुकी है और वे अगस्त 8, 2020 से पति-पत्नी के रूप में नहीं रह रहे हैं."

 फैमिली कोर्ट ने तलाक याचिका में शिखर धवन के आरोपों को इस आधार पर मंजूरी दी कि आयशा ने या तो इनका विरोध नहीं किया या फिर वे खुद का बचाव करने में विफल रहीं. जज हरीश कुमार ने माना कि आयशा ने शिखर धवन को उनके बेटे से एक साल तक दूर रखकर उन्हें मानसिक यातना झेलने को मजबूर किया.

अदालत ने अपने फैसले में कहा,"प्रतिवादी/अलग हो चुकी पत्नी, द्वारा जानबूझकर इस मामले को निर्विरोध छोड़ने का फैसला उनकी इस इच्छा को भी दर्शाता है कि अदालत उन्हें वैवाहिक अपराध के लिए दोषी ठहराने की कीमत पर भी तलाक की डिक्री पारित कर दे, क्योंकि वह जानती हैं कि उन्हें कोई नुकसान नहीं होगा अगर उन्हें याचिकाकर्ता के साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार के लिए दोषी भी ठहराया जाए तो, क्योंकि उन्होंने ऑस्ट्रेलिया में संघीय सर्किट और परिवार न्यायालय से पहले ही पर्याप्त अनुकूल आदेश प्राप्त कर लिए हैं."

कोर्ट ने आगे कहा,"उनके इस विचार ने उन्हें जानबूझकर और जानबूझकर इस अदालत के 2 मार्च, 2023 और 6 जून, 2023 के आदेश का पालन न करने का साहस दिया है. इसलिए, वर्तमान मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के अनुसार, याचिकाकर्ता क्रूरता के आधार पर तलाक का हकदार हैं."

कोर्ट ने आगे कहा कि एचएमए की धारा 13(1)(ए) में उल्लिखित आधार पर तलाक की डिक्री पारित की जाती है, जिससे 30 नवंबर, 2012 को सिख रीति-रिवाजों के अनुसार, 30 दिसंबर, 2012 को पार्टियों के बीच की गई शादी को भंग कर दिया जाता है.

अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने यह कहते हुए अपने नाबालिग बेटे की स्थायी हिरासत देने की भी प्रार्थना की है कि नाबालिग बेटे के लिए प्रतिवादी (आयशा) के साथ रहना नैतिक, मनोवैज्ञानिक और मानसिक रूप से विनाशकारी है, जिसने जन्म से ही लगातार उसके कल्याण के लिए हानिकारक कार्य किया है. इसके अतिरिक्त, यह भी प्रस्तुत किया गया है कि चूंकि प्रतिवादी के खिलाफ एक आपराधिक मामला लंबित है, इसलिए उक्त तथ्य याचिकाकर्ता के पक्ष में एक महत्वपूर्ण कारक है.

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शिखर धवन ने याचिका के माध्यम से कहा कि उन्हें शादी के बाद पता चला कि प्रतिवादी द्वारा याचिकाकर्ता को उससे शादी करने के लिए प्रेरित करने का प्राथमिक कारण केवल उससे करोड़ों रुपये ऐंठना था. शादी के कुछ समय बाद, प्रतिवादी ने याचिकाकर्ता के खिलाफ मानहानिकारक और झूठी सामग्री तैयार करने और उसे प्रसारित करने की धमकी दी ताकि याचिकाकर्ता की प्रतिष्ठा और क्रिकेट करियर को नष्ट कर दिया जाए, अगर उसने पैसे की उसकी मांग पूरी नहीं की.

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