Sachin V s Henry Olonga: जिम्बाब्वे (Zimbabwe) के तेज गेंदबाज रहे हेनरी ओलोंगा (Henry Olonga) ऐसे गेंदबाज रहे जिन्होंने भारत के खिलाफ अहम मौके पर विकेट निकलकर भारतीय टीम को हार का स्वाद चखाया है. 1999 वर्ल्ड कप में भारत और जिम्बाब्वे के बीच खेले गए मैच को कौन भूल सकता है. जब भारत को जिम्बाब्वे से 3 रन से हार का सामना करना पड़ा था. इस मैच में Henry Olonga ने 3 विकेट लेकर मैच को पलट दिया था. इस हार का असर ऐसा था कि भारत वर्ल्ड कप से सुपरसिक्स राउंड से ही बाहर हो गया था. यही नहीं एक और मैच था जब हेनरी ओलंगा की गेंदबाजी भारतीय बल्लेबाजों पर कहर बनकर सामने आई थी.
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इससे पहले 1998 के कोका-कोला चैंपियंस ट्रॉफी में ओलंगा ने भारत के खिलाफ मैच में उन्होंने भारत के दिग्गज सचिन तेंदुलकर को अपनी बेहतरीन बाउंसर पर कैच आउट करके पवेलियन की राह दिखाई थी, सचिन को आउट करने के बाद ओलंगा ने दहाड़ लगाकर जश्न मनाया था. जिसके देखकर सचिन भी काफी निराश हो गए थे.
दरअसल एक घटना का जिक्र भारतीय पूर्व क्रिकेटर अजय जडेजा (Ajay Jadeja) ने सोनी सिक्स पर बात करते हुए किया है. जडेजा ने बताया है कि कैसे सचिन जिम्बाब्वे गेंदबाज की बाउंसर गेंद पर आउट होने पर काफी निराश हो गए थे. बाउंसर गेंद पर आउट होने के बाद सचिन खुद के आउट होने के तरीके को लेकर निराश थे. यही कारण था कि वह अगले मैच से पहले तक अच्छी तरह से सो भी नहीं पाए थे.
पूर्व क्रिकेटर ने कहा कि, सचिन दरअसल अपनी गलती से सीखना चाहते थे और ओलंगा को जबाव देना चाहते थे. मैं खुशनसीब हूं कि मैंने उनके साथ क्रिकेट खेला है. सचिन ने अपनी उस गलती से सीखा और फाइनल में जब एक बार फिर जिम्बाब्वे के साथ भारत के मुकाबला हुआ तो उन्होंने जबरदस्त बल्लेबाजी की और शतक जमाया. इतना ही नहीं फाइनल में उन्होंने ओलंगा के खिलाफ आक्रमक बल्लेबाजी की और चौके-छक्का की बरसात कर डाली थी. सचिन ने अपने ही अंदाज में ओलंगा को जबाव देकर बता दिया था कि, 'तुम जिस स्कूल में पढ़ते हो न, हम उसके हेडमास्टर रह चुके हैं'.
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अजय जडेजा ने कहा कि लोग सचिन के डेजर्ट स्टॉर्म वाली पारी को याद करते हैं और उसे बेस्ट कहते हैं लेकिन मेरे लिए जिम्बाब्वे के खिलाफ खेली गई पारी बेस्ट है. वह एक अहम पारी थी. जब आफ साथ में खेलते हो तो आपको उस पारी की अहमियत मालूम पड़ती है. जब आपका ईगो हर्ट होता है और आप 36 घंटे में इसका बदला भी ले लेते हो.
बता दें कि फाइनल में सचिन ने 92 गेंद पर 124 रन की पारी खेली थी औऱ भारत ने यह मैच 30 ओवर में ही हासिल कर लिया था. अपनी पारी में सचिन ने 12 चौके और 6 छक्के लगाए थे. इस फाइनल मैच में ओलंगा ने 6 ओवर में 50 रन ठोक दिए थे.