अगर इंग्लैंड के खिलाफ धर्मशाला (Dharamsala) में पांचवें टेस्ट में मिली पारी और 164 रन से जीत के बाद सीरीज में मिली 4-1 की जीत को रोहित शर्मा (Rohit Sharma) के करियर की सबसे बड़ी जीत करार दिया जाए, तो एक बार को गलत नहीं ही होगा. जीत का गौरव रोहित की बातों में साफ झलक रहा है. जिस तरह के बयान रोहित के आ रहे हैं, वह उनका आत्मविश्वास बताने के लिए काफी है. इस जीत के बाद भारत ने WTC टेबल में अपनी स्थिति काफी मजबूत कर ली है. और अब उसका जीत प्रतिशत 68.51 हो चला है.
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इंग्लैंड पर जीत के बाद रोहित ने बहुत ही रुचिकर और बड़ा बयान देते हुए अपने करियर के पिछले दो-तीन साल के बारे में बात की. उन्होंने दिनेश कार्तिक से रिटायरमेंट पर बोलते हुए कहा कि मैं सोचता हूं कि अगर किसी दिन मैं सुबह जागता हूं और महसूस करता हूं कि मैं ठीक नहीं है. मैं क्रिकेट खेलने के लिए अच्छा महसूस नहीं कर रहा हूं, तो मैं इस बारे में सार्वजनिक रूप से ऐलान कर दूंगा.
भारतीय कप्तान ने जियो सिनेमा पर बातचीत में कहा कि लेकिन ईमानदारी से कहूं कि पिछले दो-तीन सालों के भीतर मेरा खेल का स्तर ऊंचा हुआ है और मैं सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट खेल रहा हूं. उन्होंने कहा कि मैं ऐसा शख्स नहीं है, जो आंकड़ों को ज्यादा देखता है या इसे लेकर चिंतित रहता है. यह ठीक है कि बड़ी पारियां और आंकड़े महत्वपूर्ण पहलू हैं, लेकिन दिन की समाप्ति पर यह इस टीम में क्रिकेट खेलने की संस्कृति ही है, जिस पर ध्यान केंद्रित कर रहा था और अभी भी कर रहा हूं. स्टार क्रिकेटर ने कहा कि मैं कुछ बदलाव लाना चाहता था. आप जानते हैं कि खिलाड़ी आते, जाते हैं, लेकिन यह क्रिकेट का आकंड़ों से जुड़ा पहलू है और मैं इसे पूरी तरह से टीम से अलग रखना चाहता हूं.