India win's 5 biggest reason: चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) में मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ (Ind vs Aus) दुबई के दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में ठीक वही, हुआ जिसकी उम्मीद करोड़ों भारतीय फैंस पिछले कई दिनों से कर रहे थे. मेगा मुकाबले में कुछ ही घंटे ऐसे रहे होंगे, जहां टीम इंडिया बैकफुट पर दिखाई पड़ी. इन्हें छोड़ दिया जाए, तो बड़े हिस्से पर भारत का ही कब्जा रहा. और भारत ने 11 गेंद बाकी रहते हुए कंगारुओं को हराकर चैंपियनशिप के फाइनल में प्रवेश कर लिया. और अगर ऐसा हुआ, तो इसके पीछे कई वजह रहीं. चलिए हम आपको 5 सबसे बड़ी वजहों के बारे में बता देते हैं. शुरुआत उल्टे क्रम में करते हैं.
5. श्रेयस अय्यर का ऑलराउंड प्रदर्शन
आप सोच रहे होंगे कि अय्यर कब से ऑलराउंडर हो गए! जवाब यह है कि ऑलराउंड प्रदर्शन करने के लिए बॉलिंग करना ही अनिवार्य नहीं है. अय्यर ने पहले तब बहुत ही जरूरत के समय 62 गेंदों पर 3 चौकों से 45 रन की बहुत ही अहम पारी खेली, तो बाद में फील्डिंग के दौरान स्लॉग ओवरों में खूबसूरत थ्रो पर जमकर खेल रहे एलेक्स कैरी को आउट किया, तो इसके अलावा उन्होंने ड्वारशुइस का चक्रवर्ती की गेंद पर कैच भी लपका. भारत के फाइनल के टिकट में श्रेयस अय्यर वजह नंबर 5 रहे.
4. रवींद्र जडेजा की बॉलिंग
ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा ने चैंपियंस ट्रॉफी में गेंद से दमदार प्रदर्शन किया है. और सेमीफाइनल में भी उन्होंने ऐसा किया. जड्डू ने तब-तब विकेट चटकाया, जब भारत को इसकी दरकार थी. पहले उन्होंने जमकर खेल रहे लबुशेन को एलबीडब्ल्यू कर चलता किया, तो फिर अगले बल्लेबाज जोस इंग्लिस (11) को भी जल्द ही पवेलियन भेज दिया. जडेजा ने करीब चार ओवरों के भीतर जो दो विकेट चटकाकर कंगारू मिड्ल ऑर्डर पर वार किया, उसे बाकी भारतीय बॉलरों ने भुनाया. इस बने दबाव से अक्षर को भी विकेट मिल गया, तो बने दबाव से एलेक्स कैरी भी रन आउट हो गए.
3. वरुण का ट्रेविस हेड से छुटकारा और...
मेगा मुकाबले से पहले ही कंगारू लेफ्टी बल्लेबाज ट्रेविस हेड के "टेरर" को लेकर सोशल मीडिया से लेकर दिग्गजों के बीच खासी चर्चा थी. पहले ही ओवर में शमी से कैच छूटा तो फिर ट्रेविस हेड ने अपने ही अंदाज में बल्ला हांकना शुरू कर दिया. भारतीय फैंस चिंतित हो उठे क्योंकि देखते ही देखते हेड 33 गेंदों पर 5 चौकों और 2 छक्कों से 39 रन बनाकर रौद्र रूप धारण कर चुके थे. यहीं पर कप्तान रोहित ने नौवां ओवर वरुण को थमाया, तो अपनी दूसरी ही गेंद पर उन्होंने हेड को चलता कर कंगारुओं पर जोरदार वार किया. यह विकेट भारत की जीत की तीसरी बड़ी वजह बना, तो वरुण ने आखिरी में पुछल्ले ड्वारशुइस को भी आउट करके दो विकेट लिए. उन्होंने कुल मिलाकर 10 ओवरों में 49 रन देकर 2 विकेट लिए और वरुण भारत की जीत की तीसरी सबसे बड़ी वजह बने.
2. मोहम्मद शमी का कहर!
दो राय नहीं कि अपनी ही गेंद पर अगर मोहम्मद शमी दो कैच नहीं छोड़ते, तो सेमीफाइनल में जीत में उनका "पंजा" होता. दूसरा स्टीव स्मिथ का कैच मुश्किल था, लेकिन पहले तो उन्होंने दूसरे ओपनर कूपर कोनोली को जीरो पर पवेलियन आउट कर कंगारुओं की शुरुआत बिगाड़ी, तो फिर जमकर खेल रहे स्टीव स्मिथ को बोल्ड करके ऑस्ट्रेलिया पर जोरदार वार किया. शमी ने यह विकेट तब भारत को दिलाया, जब स्टीव खतरनाक होते जा रहे थे. शमी ने आखिरी में नॉथन को आउट कर अपना आंकड़ा 10 ओवर में 48 रन देकर 3 विकेट कर लिया. और वह भारत की जीत में दूसरी सबसे बड़ी वजह बने.
1. विराट कोहली का सुपर से ऊपर पचासा
इसमें दो राय नहीं कि यह कोहली द्वारा हालिया समय में खेली सबसे आश्वस्त, खुद में आनंद लेने वाली, सबसे सहज, नियंत्रित, तनावरहित और बहुत हद तक सबसे विश्वनसीय पारी रही. पिछले कुछ हालिया सालों की. जब भी विराट के करियर की समीक्षा होगी, तो शतक न बनने के बावजूद इस पारी को हमेशा याद किया जाएगा. कोहली जल्द ही दो विकेट गिरने के बाद मैदान पर उतरे थे. उन्होंने अय्यर के साथ मिलकर झटकों से उबारा, पारी को संवारा और फिर टीम को जीत के ट्रैक पर लाकर गलत शॉट खेलकर पवेलियन लौट गए. हक के शतक से वंचित हो गए, लेकिन फैंस भले ही भूल जाएं, क्रिकेट समीक्षक इस 98 गेंदों पर 5 चौकों से 84 रन को बहुत ऊंची पायदान पर जगह देंगे. खास तौर पर जरूरी धैर्य और उनके सिंगल्स-डबल्स के लिए! और उनका पचासा भारत के फाइनल के टिकट की सबसे बड़ी वजह रहा.