धामी में दिवाली के दूसरे दिन पत्थर मेला नामक खेल का आयोजन किया जाता है जिसमें लोग पर पत्थर बरसाते हैं. यह परंपरा लगभग चार सौ वर्षों से चली आ रही है और इसे नरबलि के रूप में माना जाता है. खेल दो गांव की दो टोलियों के बीच लगभग चालीस मिनट तक चलता है और किसी के खून निकलने पर समाप्त होता है.