56 साल के हुए 'स्विंग के सुल्तान', हवा में 'उड़ती हुई गेंदों' पर कैसे गच्चा खा जाते थे बैटर, देखकर उड़ जाएंगे होश- Video

वसीम अकरम का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जलवा लगभग दो दशकों तक रहा. अकरम के पास गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की कला थी. इसलिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 'स्विंग के सुल्तान' के नाम से भी जाना जाता है.

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वसीम अकरम गेंदबाजी करते हुए
इस्लामाबाद:

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान एवं स्टार तेज गेंदबाज वसीम अकरम (Wasim Akram) शुक्रवार यानी आज अपना 56वां जन्मदिन मना रहे हैं. अकरम का जन्म आज ही के दिन तीन जून साल 1966 में पाकिस्तान के लाहौर (Lahore) शहर में हुआ था. क्रिकेट इतिहास में अकरम का नाम बाएं हाथ के सबसे तेज गेंदबाजों में शुमार है. अकरम के 56वें जन्मदिन पर क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने उनका एक वीडियो शेयर किया है. इस वीडियो में वह अपनी सटीक लाइनलेंथ और खतरनाक यॉर्कर से धुरंधरों के विकेट चटकाते हुए नजर आ रहे हैं. इस वीडियो को शेयर करते हुए cricket.com.au ने लिखा है, 'वसीम अकरम ने जब भी गेंद को घुमाया वह बेहद घातक साबित हुए, खासकर एकदिवसीय मुकाबलों में. पाकिस्तानी दिग्गज आज 56 साल का हो गया.'

बता दें क्रिकेट के मैदान में वसीम अकरम के नाम कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं. वह मौजूदा समय में एकदिवसीय क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज और तेज गेंदबाजों में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले पहले गेंदबाज हैं. अकरम ने पाकिस्तान के लिए साल 1984 से 2003 के बीच के लिए कुल 356 एकदिवसीय मुकाबले खेले. इस दौरान उन्होंने 351 पारियों में 23.52 की एवरेज से कुल 502 सफलता प्राप्त की. एकदिवसीय क्रिकेट में उनके नाम 17 बार चार एवं छह बार पांच विकेट लेने का कारनामा है. 

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इसके अलावा टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले वह दुनिया के 16वें गेंदबाज और तेज गेंदबाजों में सर्वाधिक विकेट चटकाने वाले नौवें गेंदबाज हैं. अकरम ने टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान के लिए 1985 से 2002 के बीच 104 मैच खेलते हुए 181 पारियों में 23.62 की एवरेज से 414 विकेट चटकाए हैं. टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 25 बार पांच एवं पांच बार 10 विकेट लेने का कारनामा है. 

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वसीम अकरम का अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में जलवा लगभग दो दशकों तक रहा. अकरम के पास गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की कला थी. इसलिए उन्हें अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में 'स्विंग के सुल्तान' के नाम से भी जाना जाता है. मौजूदा समय में वह कई बाएं हाथ के तेज गेंदबाजों के रोल मॉडल हैं. 

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अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अकरम को लाने का श्रेय जावेद मियांदाद को जाता है. उन्होंने ही उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें नेशनल टीम तक लेकर आए. अकरम ने साल 1985 में न्यूजीलैंड के खिलाफ ड्यूडिन में करियर का आगाज किया और दूसरे टेस्ट मुकाबले में ही 10 विकेट लेकर सबको हैरान कर दिया. इसके पश्चात् उन्होंने कभी भी पीछे मुढ़कर नहीं देखा और दिन प्रतिदिन नई उचाईयों पर चढ़ते रहे.

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