"चयनकर्ता के पैर नहीं छूए, इसलिए ...", गौतम गंभीर के खुलासे ने मचाई खलबली

Gautam Gambhir vs Selectors: पूर्व भारतीय क्रिकेटर गौतम गंभीर के एक बयान ने खलबली मचा दी है फैन्स उनके इस बयान को लेकर ...

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Gautam Gambhir vs Indian Selectors

Gautam Gambhir on his Career: एक बार फिर गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) चर्चा में हैं. एक ओऱ जहां मेंटॉर के तौर पर गंभीर ने केकेआर के लिए शानदार काम किया है.  केकेआर की टीम आईपीएल प्लेऑफ में पहुंच और साथ ही टॉप पर भी रही. वहीं, दूसरी ओर गंभीर ने कुछ ऐसी बातें की है जिसने फैन्स के बीच सुर्खियां बटोर ली है. गंभीर अपने बयान के लिए जाने जाते हैं. इस बार भी उन्होंने कुछ ऐसा कहा है जिसने फैन्स के बीच खलबली मचा दी है. दरअसल, अश्विन (Ashwin) के यू-ट्यूब चैनल पर बात करते हुए गंभीर ने अपने करियर का शुरूआती दिनों को लेकर चर्चा की और अपने संघर्ष के बारे में बताया. गंभीर ने ये भी बताया कि कैसे अंडर 14 टूर्नामेंट में उनका चयन नहीं हो पाया था. 

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अपनी बात इंटरव्यू में रखते हुए गंभीर ने कहा, "जब मैं बड़ा हो रहा था, शायद उस समय मैं 12 या 13 साल का था, तब मैंने अपने पहले अंडर-14 टूर्नामेंट के लिए प्रयास किया तो मेरा चयन नहीं हुआ क्योंकि मैंने चयनकर्ता के पैर नहीं छूए थे. तब से मैंने खुद से वादा किया कि मैं कभी किसी के पैर नहीं छूउंगा और न ही किसी को अपने पैर छूने दूंगा."

गंभीर ने अपनी बात आगे ले जाते हुए कहा, "मुझे याद है, अपने करियर में जब भी मैं असफल हुआ, चाहे वह अंडर-16, अंडर-19, रणजी ट्रॉफी में हो या यहां तक ​​कि मेरे इंटरनेशनल करियर की शुरुआत में, लोग कहते थे कि आप एक संपन्न परिवार से आते हैं, आपको क्रिकेट खेलने की जरूरत नहीं. आपके पास बहुत सारे विकल्प हैं, आप अपने पिता के बिजनेस में शामिल हो सकते हैं."

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पूर्व भारतीय दिग्गज ने आगे कहा, " यह सबसे बड़ी धारणा थी जो मेरे सिर पर लटकी हुई थी. लोगों को एहसास ही नहीं था .. मैं उस धारणा को हराना चाहता था. इसलिए जब मैं ऐसा करने में सक्षम हुआ, तो कोई अन्य धारणा मुझे कभी परेशान नहीं करती.  मेरे लिए अपने जीवन में सबसे कठिन धारणा यह थी कि मैं इसे इतना मुश्किल नहीं चाहता था,  मैं इसे उससे भी  ज्यादा कठिन चाहता था."

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दूसरी ओर बतौर खिलाड़ी केकेआर को दो बार खिताब दिलाने वाले गंभीर इस बार केकेआर की टीम से बतौर मेंटर जुड़े हैं. बतौर मेंटर गंभीर ने केकेआार की टीम की किस्मत बदल दी. गंभीर ने केकेआर के लिए कुछ ऐसे फैसले लिए जिसने टीम को प्लेऑफ में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. खासकर नरेन औऱ फिल साल्ट को ओपनिंग कराकर गंभीर ने केकेआर के लिए निर्णायक फैसला किया जिसने केकेआर को अब खिताब जीतने के करीब लाकर खड़ा कर दिया है. 

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