पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बतायी वजह, क्यों पैदा हुा ऋद्धिमान साहा और पत्रकार विवाद

भारत के लिए खेल चुके साहा और पत्रकार संवाद इस स्तर तक पहुंच गया है कि बीसीसीआई को इसकी जांच के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन करना पड़ा.

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भारत के पूर्व कोच रवि शास्त्री ने बात एकदम पते की कही है
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  • हाल ही में साहा-पत्रकार विवाद ने पकड़ा था तूल
  • बीसीसीआई ने गठित की है तीन सदस्यीय जांच कमेटी
  • कई दिग्गजों ने की थी पत्रकार का नाम उजागर करने अपील
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मुंबई:

India vs SriLanka: पिछले दिनों भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा और एक पत्रकार के बीच हुए संवाद का विवाद इस स्तर तक पहुंच गया कि बीसीसीआई ने मामले की जांच के लिए तीन सदस्य कमेटी का गठन कर दिया. इस बात को अलग-अलग वर्ग ने अलग पहलुओं से लिया है. अब मामले पर पूर्व कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) ने भी अपने विचार रखे हैं. शास्त्री का मानना ​​है कि उनकी पीढ़ी के खिलाड़ियों का पत्रकारों के साथ जैसा बेहतर तालमेल था. वह मौजूदा दौर के क्रिकेटरों और उन्हें कवर करने वाले लेखकों की तुलना में कहीं बेहतर था.

भारत के लिए 80 टेस्ट और 150 एकदिवसीय खेलने वाले इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा कि मीडिया हर युग और समय से जुड़ा रहा है. इसमें काफी विकास हुआ है. मीडिया हाउस, इलेक्ट्रॉनिक और अब डिजिटल मीडिया के आने के बाद खिलाड़ियों के लिए दोस्त बने रहना बहुत मुश्किल है. 

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शास्त्री ने एक कार्यक्रम में कहा कि मुझे लगता है कि इसमें काफी बदलाव हुआ है. जब हम खेल रहे थे तब से काफी बदलाव हुआ है. पत्रकारों के साथ हमारे जो समीकरण थे, वह आज के खिलाड़ियों के मुकाबले काफी बेहतर थे. मैं पिछले सात सालों से ड्रेसिंग रूम का हिस्सा हूं.'शास्त्री उन प्रमुख पूर्व खिलाड़ियों में से एक थे जिन्होंने साहा से पत्रकार का सार्वजनिक रूप से नाम लेने और उन्हें शर्मसार करने का आग्रह किया था.

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इस पूर्व हरफनमौला ने कहा कि वह इन चीजों के लिए हालांकि पत्रकारों और खिलाडियों को दोषी नहीं मानते हैं उन्होंने कहा,‘ हालांकि मैं लोगों (पत्रकारों और खिलाड़ियों) को दोष नहीं देना चाहता हूं, क्योंकि आज के खिलाड़ियों पर जो सुर्खियां मिलती हैं, वैसा हमारे समय में नहीं था. हमारे समय में प्रिंट मीडिया के अलावा टेलीविजन (दूरदर्शन) शुरू ही हुआ था. लेकिन आज मीडिया और सोशल मीडिया में मौजूद मंचों के साथ, खेल को कवर करने वाले समाचार चैनलों की संख्या अविश्वसनीय रूप से काफी ज्यादा है.'

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