आईसीसी पुरुष T20 वर्ल्ड कप 2021 (ICC Men's T20 World Cup 2021) से भारतीय टीम के बाहर होते ही बतौर कोच रवि शास्त्री (Ravi Shastri) के कार्यकाल का भी समापन हो चूका है. उन्होंने भारतीय टीम के कोच पद पर रहते हुए टीम के कई कमजोर पहलुओं पर काम किया और वो उसमें सुधार करने में भी कामयाब रहे. शास्त्री और कोहली की अगुवाई में भारतीय टीम ने लगभग हर देश के खिलाफ अपने जीत का परचम फहराया, लेकिन उनकी अगुवाई में टीम को आईसीसी का कोई बड़ा खिताब हाथ नहीं लगा. शास्त्री और कोहली की अगुवाई वाली भारतीय टीम से इस साल क्रिकेट प्रेमियों को काफी उम्मीदें थी कि वह T20 वर्ल्ड कप 2021 पर अपना कब्जा जमाएंगे, लेकिन वो यह खास खिताब हासिल करने में नाकामयाब रहे.
T20 वर्ल्ड कप 2021 के सेमीफाइनल की रेस से टीम इंडिया के बाहर होने के बाद रवि शास्त्री ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बात करते हुए कहा है कि, 'ये कोई बहाना नहीं है, लेकिन जब आप बीते छह महीनें से बायो-बबल में रह रहे होते हैं और टीम के खिलाड़ी लगातार तीनों प्रारूपों में देश के लिए खेल रहे होते हैं तो हालात काफी बदल जाते हैं. बीते दो वर्षो में कुछ खिलाड़ी अपने घरों पर मुश्किल से 25 दिन बिता पाएंगे होंगे.'
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उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि अगर डॉन ब्रैडमैन (Don Bradman) को भी इतने लंबे वक्त तक बॉयो बबल में रहना पड़ता तो उनका बल्लेबाजी औसत भी नीचे आ जाता, क्योंकि जो लोग खेल रहे होते हैं वो भी इंसान ही हैं. यहां पेट्रोल से काम नहीं चलता कि पेट्रोल डाला और चलना शुरू कर दिया.
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इसके अलावा उन्होंने मानसिक और शारीरिक थकान पर भी बात की. उन्होंने कहा, 'मेरे दिमाग में सबसे पहले आराम की बात आती है. मैं पूरी तरह से थक चूका हूं. हालांकि मेरी ऐज में ऐसा होने की उम्मीद करता हूं, लेकिन खिलाड़ी भी पूरी तरह से थक चूके हैं.' उनका मानना है अगर भविष्य में आईसीसी और अन्य क्रिकेट बोर्ड्स ने इस अहम मुद्दे पर ध्यान नहीं दिया तो इसका खिलाड़ियों पर बहुत बुरा असर पड़ने वाला है.
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