पुडुचेरी में रविवार पूर्व क्षेत्र और उत्तर क्षेत्र के बीच खत्म हुआ चार दिनी दलीप ट्रॉफी मुकाबला बिना किसी नतीजे के समाप्त हुआ, तो नॉर्थ जोन ने पहली पारी की बढ़त के आधार पर जीत दर्ज करते हुए सेमीफाइनल में जगह बना ली. ईस्ट जोन ने पहली पारी में 397 रन बनाए थे, तो जवाब में उत्तर क्षेत्र ने अपनी पहली पारी में 545 का स्कोर स्कोर खड़ा करते हुए मैच का परिणाम लगभग तय कर दिया था. ईस्ट जोन ने अपनी दूसरी पारी में चौथे दिन का खेल खत्म होने के के समय अपनी दूसरी पारी में 3 विकेट पर 102 रन बना लिए थे. बहरहाल, अगर उत्तर क्षेत्र पहली पारी में बढ़त हासिल कर सका, तो उसमें उसके स्टार रहे 19 साल के ओपनर यश धुल (Yash Dhull makes another century). जहां यश ने पहले ही रणजी ट्रॉफी में शतक बनाया था, तो दलीप ट्रॉफी के पहले ही मैच में भी उन्होंने शतक बनाकर उस कारनामे पर नजरें गड़ा दी हैं, जो भारतीय क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर के ही नाम पर है. और अब यश के लिए यह सवाल खड़ा हो गया है कि क्या वह सचिन की गोल्डेन हैट्रिक के रिकॉर्ड की बराबरी करेंगे.
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यश धुल ने इस मैच में 243 गेंदों पर 28 चौकों और 2 छक्कों से 193 रन की पारी खेली. वह सिर्फ सातर रन से दोहरे शतक से चूक गए, लेकिन उन्होंने बड़ा कारनामा किया. और वह कारनामा यह रहा कि उन्होंने अपने चौथे प्रथमश्रेणी मैच में ही चौथा शतक जड़ दिया. यश धुल ने इसी साल फरवरी में गुवाहाटी में तमिलनाडु के खिलाफ अपने प्रथम श्रेणी करियर का आगाज किया था. और यहां से उनका बल्ला लगातार बोला है.
पहले ही मैच में दोनों पारियों में शतक
यश धुल का प्रथम श्रेणी करियर ऐसा रहा, जो किसी भी बल्लेबाज का सपना होता है. धुल ने पहली पारी में 113 और दूसरी पारी में भी नाबाद 113 रन बनाकर पूत के पांव पालने में ही नजर आने वाली कहावत सच कर दिखायी. इसके बाद उनका अगला मैच झारखंड के खिलाफ बेकार गया, जिसमें उन्होंने 5 और 19 ही रन बनाए.
जड़ दिया दोहरा शतक भी
दूसरे मैच फ्लॉप होने के बाद धुल ने अपना तीसरा मैच छत्तीसगढ़ के खिलाफ खेला. और पहली पारी में 29 रन बनाने के बाद उन्होंने दूसरी पारी में नाबाद 200 रन बनाकर फिर से जलवा बिखेर दिया. मार्च में यह पारी खेलने के बाद अब करीब पांच महीने बाद धुल दलीप ट्रॉफी क्रिकेट खेल रहे हैं, तो उन्होंने 193 रन बनाकर चौथे प्रथम श्रेणी मैच में चौथा शतक जड़ डाला है. इसमें झारखंड के खिलाफ ही उनका इकलौता मैच ऐसा रहा, जिसमें वह शतक नहीं बना सके. धुल के इस प्रदर्शन ने उन्हें दिग्गजों और पंडितों के बीच चर्चा के केंद्र में ला दिया है.
नजर सचिन की गोल्डेन हैट्रिक पर, क्या करेंगे बड़ा कारनामा?
भारतीय क्रिकेट इतिहास में सचिन तेंदुलकर ही इकलौते क्रिकेटर हैं, जिनके नाम रणजी, दलीप और ईरानी ट्रॉफी में अपने पहले ही मैच में शतक बनाने का रिकॉर्ड है. यह वह गोल्डेन हैट्रिक है, जो बड़ों-बड़ों का सपना होता है, लेकिन कब्जा इस पर सचिन का ही है, जो उन्होंने करीब 23 साल पहले नवंबर, साल 1998 में बनाया था. इसी साल वानखेड़े स्टेडियम में ईरानी ट्रॉफी का मुकाबला था मुंबई और शेष भारत के बीच. इस मैच की दूसरी पारी में सचिन ने 103 रन बनाए थे. और इसी पारी के साथ सचिन ने गोल्डन हैट्रिक बना दी थी. और अब यह हैट्रिक बनाने का मौका आगे यश धुल के पास होगा.
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