रविवार को चेपक में चेन्नई सुपर किंग्स (CSK vs MI) के बीच खेले गए मुकाबले में चार खिलाड़ियों ने अपने करियर की शुरुआत की, लेकिन सबसे ज्यादा सुर्खियां बटोरी देखने में 'अंडर-19', लेकिन उम्र में 24 साल के चाइनमैन गेंदबाज विग्नेश पुथुर (Vignesh Puthur) ने, जिनकी पूरे विश्व क्रिकेट जगत में चर्चा है. करियर के पहले ही आईपीएल में ऐसा जलवा बिखेरा कि देखते ही देखते आम से लेकर खास तक की जुबां पर उनका नाम चढ़ गया.केरल के मलप्पुररम से आने वाले इस ऑटो ड्राइवर के बेटे ने सितारों से सुज्जित चेन्नई के खिलाफ 32 रन देकर 3 विकेट चटकाए.
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ट्रॉयल से चुने गए थे पुथुर
पुथुर की मुंबई इंडियंस से जुड़ने की कहानी बहुत ही शानदार रही है. फ्रेंचाइजी के हुए चयन ट्रायल में प्रभावी प्रदर्शन के बाद पुथुर को उनके बेस प्राइस 30 लाख रुपये पर लिया गया था.इस ट्रॉयल में बहुत खिलाड़ी आए थे, लेकिन पुथुर की सटीकता, नियमित घुमाव और दबाव के पलों में शांत रहने की काबिलियत ने मुंबई के स्काउट टैलेंट का ध्यान अपनी ओर खींचा. यहां से मुंबई प्रबंधन ने लगातार पुथुर पर काम किया. और अब इसका परिणाम रविवार को पुथुर ने बहुत ही शानदार अंदाज में दिया.
...और हेड कोच जयवर्द्धने ने ले लिया बड़ा फैसला
इंडियंस की केपटाउन टीम को जनवरी में एसए20 के लिए दक्षिण अफ्रीका में इकट्ठा होना था. ऐसे में पुथुर को बतौर नेट बॉलर वहां बुलाया गया. और उन्होंने वहां राशिद खान जैसे दिग्गज गेंदबाज के साथ अपनी गेंदबाजी पर जमकर काम किया. दिग्गज बल्लेबाजों के खिलाफ गेंदबाजी से पुथुर के कॉन्फिडेंस में बहुत ही ज्यादा इजाफा हुआ. इसके बाद उन्होंने सीजन की तैयारी शुरू होने से पहले पुथुर ने डीवाई पाटिल टी20 टूर्नामेंट में रिलायंस टीम के लिए तीन मैच खेले. हेड कोच महेला जयर्द्धने उनसे इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने शुरुआती मैच में ही पुथुर को मौका देने का मन मना लिया. इसमें रोहित और सूर्यकुमार के फीडबैक ने भी महेला की मदद की.
पुथुर को XI में चुनना आसान नहीं था: बॉलिंग कोच
बॉलिंग कोच पारस म्हांब्रे ने कहा, 'रोहित, सूर्य, तिलक सभी ने नेट पर उनके खिलाफ बैटिंग की. पुथुर को इलेवन में चुनना आसान नहीं था. एक वजह यह रह कि हमने महसूस किया कि उन्हें इस मैच में खिलाने का हमारे भीतर आत्मविश्वास है'. बॉलिंग कोच बोले,'हमारी स्काउटिंग टीम में कुछ अच्छे लोग हैं, जो प्रतिभा पहचान सकते हैं. हम लोग खिलाड़ी विशेष की क्षमता देखते हैं. जब हमने अपने ट्रॉयल के दौरान देखा, तो पाया कि पुथुर में क्षमता है. फिर हमने इस पर ज्यादा गौर नहीं किया कि उन्होंने पूर्व में कितनी क्रिकेट खेलनी है. हमारी पूरी सोच यही थी कि पुथुर में स्थायी योग्यता है. और सभी ने पहले मैच में इसे देख लिया'