Rohit unknowingly makes big revelation: अक्सर कुछ ऐसा हो जाता है कि बहुत सी बातों की पोल खुल जाती है. और कुछ ऐसा ही चैंपियंस ट्रॉफी (Champions Trophy 2025) के लिए टीम घोषणा के ऐलान के लिए आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस (Press conference) में हुआ. एक तो पहले से ही कॉन्फ्रेंस करीब ढाई घंटा देरी से शुरू हुई, लेकिन जब शुरू हुई, तो कुर्सी पर बैठते ही रोहित (Rohit's revelation) बगल में बैठे चीफ सेलेक्टर अजीत अगरकर (Ajit Agarkar) से सामान्य तौर पर बात कर रहे थे, लेकिन उन्हें अंदाजा नहीं था कि माइक ऑन था. हालांकि शब्दों की ध्वनि कम थी, लेकिन यह साफ-साफ समझ में आ रहा था कि वह क्या बोल रहे हैं और किस विषय पर बोल रहे है. इसे लेकर फैंस ने वीरवार को बीसीसीआई द्वारा जारी किए गए 10 सूत्रीय एजेंडे को लेकर भी सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं, तो इस वीडियो से टीम इंडिया के खिलाड़ियों का नजरिया भी बीसीसीआई के चले "चाबुक" पर साफ हो रहा है.
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मतलब खिलाड़ी खुश नहीं?
रोहित की बात से लगता है कि खिलाड़ी BCCI के दिशा-निर्देशों से खुश नहीं है. रोहित का यह कहना, "सब मेरे से पूछे रे हैं कि...", क्या "सब" का मतलब खिलाड़ियों से है? निश्चित तौर पर इसका अर्थ खिलाड़ियों की ही ओर जा रहा है. लग रहा है कि टीम इंडिया के खिलाड़ी BCCI के फरमान से खुश नहीं हैं.
"फैमिली-वैमिली..!"
रोहित का अगरकर से यह कहना, "ये सब फैमिली-वैमिस का ये वो..", रोहित के ये शब्द भी उन नियमों की ओर इशारा कर रहे हैं कि वह BCCI द्वारा हाल ही में जारी 10 सूत्रों एजेंडों के तहत परिवार को लेकर बनाए नियम की बात कर रहे हैं. और इसे लेकर भी खिलाड़ी खुश नहीं दिख रहे हैं.
"सैक्रेट्री के साथ डिस्कशन बोले तो...?"
रोहित कह रहे हैं, "इसके (प्रेस कॉन्फ्रेंस)" के बाद सैक्रेट्री के साथ बैठना पड़ेगा एक-ड़ेढ़ घंटे", साफ है कि रोहित BCCI सचिव से नई आचार-संहिता के बारे में विमर्श करने के बारे में बात कर रहे हैं. यह भी सवाल है कि क्या वह सचिव से खिलाड़ियों की राय अवगत कराना चाहते हैं ? क्या पहले सचिव को यह नहीं बताया गया? या फिर वह नियमों को लागू करने के तरीके पर बात करेंगे? या रोहित खिलाड़ियों की नाखुशी की जानकारी सचिव को देंगे? कुल मिलाकर रोहित की चंद लाइनों ने BCCI के हालिया 10 सूत्रीय एजेंडे के बारे में बहुत कुछ कहते हुए कई सवाल खड़े कर दिए हैं.