Michael Clarke Picks Australia Opener: बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के लिए एक बार फिर से मंच तैयार हो चुका है. टीम इंडिया और ऑस्ट्रेलिया के बीच 22 नवंबर से प्रतिष्ठित सीरीज का आगाज हो रहा है. आगामी सीरीज से पहले कंगारू टीम की समस्याएं लेकिन कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. डेविड वॉर्नर के संन्यास के बाद से टीम लगातार एक पेशेवर ओपनर की तलाश में है. बीच में इस स्थान पर स्टीव स्मिथ को भी आजमाया गया, लेकिन वह इन उम्मीदों पर कुछ खास खरे नहीं उतर पाए. जिसके बाद कंगारू टीम के पूर्व दिग्गज कप्तान माइकल क्लार्क ने अब अपना विचार साझा किया है. उनका कहना है कि कैमरून बैनक्रॉफ्ट को टीम में शामिल करने से यह समस्या खत्म हो सकती है.
शेफील्ड शील्ड में बैनक्रॉफ्ट का बल्ला खूब चला था. वह टूर्नामेंट में सर्वाधिक रन बनाने वाले पहले बल्लेबाज बने थे. जिसके बाद कंगारू टीम में ओपनिंग स्पॉट के लिए उन्हें प्रबल दावेदार माना जा रहा था, लेकिन अच्छे प्रदर्शन के बावजूद बैनक्रॉफ्ट की उम्मीदों को बड़ा झटका तब लगा जब वॉर्नर के रिटायर होने के बाद उन्हें ओपनिंग स्लॉट के लिए अनदेखा कर दिया गया. चयनकर्ताओं ने चौथे स्थान के लिए ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन का चुनाव किया, जबकि शीर्ष क्रम में स्टीव स्मिथ को पदोन्नत कर दिया गया.
माइकल क्लार्क ने अनुभव को दिया वरीयता
पूर्व कप्तान का मानना है कि ओपनिंग जोड़ी का चुनाव करते समय अनुभव और निरंतरता सबसे महत्वपूर्ण कड़ी होनी चाहिए. तर्क देते हुए उन्होंने कहा कि घरेलू क्रिकेट में बैनक्रॉफ्ट का ट्रैक रिकॉर्ड और दबाव में प्रदर्शन करने की काबिलियत उन्हें सैम कोंस्टास जैसे युवा दावेदारों से आगे ले जाती है.
स्काई बिग स्पोर्ट्स ब्रेकफास्ट के साथ हुई बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, ''मेरे हिसाब से 2 मैचों के लिए किसी का चुनाव करना सही विकल्प नहीं होगा. ऐसा ही मेरा कोंस्टास के लिए भी मानना है. वह युवा और टैलेंटेड खिलाड़ी हैं. कोंस्टास ने धमाकेदार अंदाज में सीजन का आगाज किया है, लेकिन आप केवल 2 शतक जड़ने वाले खिलाड़ी की कैमरून बैनक्रॉफ्ट या हैरिस से तुलना नहीं कर सकते हैं जिन्होंने 4 साल में 12 शतक जड़े हैं.''