Delhi Pollution: दिल्ली सरकार ने प्रदूषण का स्रोत रियल टाइम में जानने के लिए आईआईटी कानपुर के साथ स्टडी शुरू कराई थी, लेकिन दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय के मुताबिक दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी (DPCC) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार ने यह स्टडी बंद करवा दी.
गोपाल राय के मुताबिक यह स्टडी कैबिनेट के फैसले के तहत शुरू हुई थी, लेकिन एक IAS अधिकारी अश्विनी कुमार ने खुद फैसला लेकर यह स्टडी बंद करवा दी. इस फैसले में ना मंत्री से सलाह मशविरा किया गया और ना ही कैबिनेट में इसकी चर्चा हुई.
दिल्ली सरकार की कैबिनेट ने 7 जुलाई 2021 को फैसला लिया था कि दिल्ली में Real Time Source Apportionment Study करवाई जाएगी ताकि रियल टाइम में प्रदूषण के स्रोत का पता चल सके कि आखिर यह पॉल्यूशन किस कारण हो रहा है, वाहन का प्रदूषण है या धूल का प्रदूषण, या फिर पराली का प्रदूषण है.
IIT कानपुर के साथ दिल्ली पॉल्यूशन कंट्रोल कमेटी ने 22 अक्टूबर 2021 को MOU साइन किया. तय हुआ था कि इस स्टडी पर 12.72 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, जिसे कैबिनेट ने मंज़ूर किया था. यह स्टडी शुरू करने के लिए स्टेशन में लैब मशीन और इक्विपमेंट के लिए 10.72 करोड़ रुपये जारी किए गए.
दिसंबर 2022 में अश्वनी कुमार DPCC के अध्यक्ष नियुक्त किए गए. फरवरी 2023 में उन्होंने आपत्ति जताई कि इस स्टडी की कास्ट बहुत ज्यादा है. उन्होंने लिखा कि इस स्टडी की जो मॉडलिटी है वह सही नहीं है. इसके बाद उन्होंने आईआईटी कानपुर के साथ मीटिंग की. 18 अक्टूबर को अश्वनी कुमार ने फाइल पर लिख दिया कि आईआईटी कानपुर का बचा हुआ पेमेंट नहीं दिया जाएगा.
अश्विनी कुमार ने IIT कानपुर का पेमेंट रुकवा दियादिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह सब जानकारी दी. उन्होंने कहा कि देश में पहली बार इस तरह की एक साइंटिफिक स्टडी हो रही थी जिसको अश्विनी कुमार जी ने बंद करवा दिया. जिस समय हमारे हाथ में डाटा होना चाहिए उस समय उन्होंने IIT कानपुर का पेमेंट रुकवा दिया और स्टडी बंद करवा दी.
दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बताया कि 60 लाख रुपये की दूसरी किस्त का पेमेंट रुक गया है. गोपाल राय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से मांग की है कि जल्द से जल्द यह पेमेंट करवाया जाए और स्टडी फिर से शुरू करवाई जाए ताकि डेटा मिल सके.
अंतिम फैसला उप राज्यपाल लेंगेआतिशी ने बताया कि यह मामला नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी में जाएगा और फिर वहां से रिकमंड होकर उप राज्यपाल साहब को जाएगा क्योंकि वे ही अंतिम फैसला लेते हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि उनको भी दो करोड़ दिल्ली वालों के स्वास्थ्य की चिंता है, बढ़ते प्रदूषण की चिंता है. जब एलजी देखेंगे कि एक अफसर ने दो करोड़ दिल्ली वालों की सेहत को खतरे में डाल दिया है तो वे भी जरूर अश्वनी कुमार जी को निलंबित करेंगे और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी करेंगे.
गौरतलब है कि सोमवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने प्रदूषण को लेकर सभी विभागों की बैठक की थी और उसमें भी उन्होंने शिकायत की थी कि तमाम अहम आला अधिकारी उस मीटिंग में पहुंचे ही नहीं.
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