नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट ने शुरू किया एजूकेशन प्रोग्राम

नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट ने शुरू किया एजूकेशन प्रोग्राम

नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट अपनी स्थापना की 35वीं वर्षगांठ मना रहा है। जश्न की शुरुआत करते हुए इंस्टीट्यूट अगले एक साल तक हर सप्ताह दिल्ली-एनसीआर के एक स्कूल में एजुकेशन प्रोग्राम का आयोजन करेगा, ताकि बड़े स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य के बारे में जागरूक किया जा सके। पहला आयोजन पुष्प विहार स्थित एमिटी स्कूल में किया गया। दूसरा आयोजन बुधवार को साकेत स्थित एमिटी स्कूल में होगा।

प्रोग्राम का मकसद छोटी उम्र में दिल के रोगों की रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाना है, जिसका कारण आजकल ज्यादातर लोगों, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं, की अस्वस्थ जीवनशैली है। इस कार्यक्रम के तहत आठवीं और दसवीं क्लास के बच्चों को जीवनशैली के रोगों, निजी और मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता और सीपीआर सहित अन्य चीजें सिखाई जा रही हैं।
इस मौके पर नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट के सीईओ एवं चीफ कार्डियक सर्जन, डॉ. ओ.पी. यादव ने कहा कि दिल के रोगों से बचने के लिए बाद में नहीं, बल्कि बचाव के कदम छोटी उम्र से ही उठाने होंगे।

उन्होंने कहा कि काम की वजह से अत्यधिक तनाव, छोटी उम्र में धूम्रपान, शराब का सेवन और अस्वस्थ खानपान की आदतें दिल के रोगों के जल्दी होने का कारण हैं। पहले दिल के रोग केवल 40 से 50 साल के लोगों में होते थे, लेकिन आज 20 से 30 साल उम्र में ही युवा इन रोगों का शिकार हो रहे हैं।

डॉ. यादव ने कहा कि स्कूल जाने वाले बच्चे बहुत तेजी से चीजों को ग्रहण करते हैं और उनके भटकने का खतरा ज्यादा होता है। इसलिए उन्हें इन मामलों और इनकी रोकथाम के बारे में शिक्षित करने का यही सही समय है। नेशनल हार्ट इंस्टीट्यूट का स्कूल एजूकेशन प्रोग्राम इसी की ओर पहला कदम है।

इस मौके पर एमिटी, पुष्प विहार में एक स्टूडेंट हेल्थ बुक भी जारी की गई। यह किताब स्कूल जाने वाले बच्चों को स्वस्थ जीवनशैली, दिल के दौरे, डायबिटीज, निजी साफ-सफाई, सीपीआर, टीबी, न्यूट्रिशियन, डेंगू बुखार और मलेरिया के बारे में जानकारी देगी।
 


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