World U20 Championships: हिमा दास ने गोल्ड जीत इतिहास रचा है..
नई दिल्ली:
Hima Das scripts history, wins gold in 400m: भारत की 18 वर्षीय एथलीट हिमा दास (Hima Das) ने इतिहास रच दिया है. हिमा ने फिनलैंड के टैम्पेयर शहर में आयोजित IAAF विश्व अंडर-20 एथलेटिक्स चैंपियनशिप (IAAF World U20 Championships) की 400 मीटर दौड़ में गोल्ड मेडल जीता है. इस दौड़ को पूरा करने में उन्हें 51.46 सेकंड लगे. हिमा की जीत का जश्न पूरा देश मना रहा हैं. हिमा विश्व स्तर पर ट्रैक स्पर्धा में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं. इससे पहले भारत के किसी महिला या पुरुष खिलाड़ी ने जूनियर या सीनियर किसी भी स्तर पर विश्व चैंपियनशिप में गोल्ड नहीं जीता है. और तो और, फ्लाइंग सिख के नाम से मशहूर मिल्खा सिंह और पीटी उषा भी कमाल नहीं कर पाए थे. इस लिहाज से अंतरराष्ट्रीय ट्रैक पर भारत की ये ऐतिहासिक जीत है. हिमा ने सेमीफाइनल में भी शानदार प्रदर्शन किया था. उन्होंने सेमीफाइनल में 52.10 सेकंड में दौड़ पूरी कर पहला स्थान हासिल किया था.
हरियाणा की 16 साल की शिवांगी पाठक ने रचा इतिहास, जीत लिया माउंट एवरेस्ट
कौन हैं हिमा दास (Hima Das)?
हिमा दास असम के नगांव जिले के धिंग गांव की रहने वाली हैं. वह अभी सिर्फ 18 साल की हैं. हिमा एक साधारण किसान परिवार से आती हैं. उनके पिता चावल की खेती करते हैं. वह परिवार के 6 बच्चों में सबसे छोटी हैं. हिमा पहले लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं और एक स्ट्राइकर के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहती थीं. उन्होंने 2 साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा था. उनके पास पैसों की उनके थी, लेकिन कोच ने उन्हें ट्रेन कर मुकाम हासिल करने में मदद की.
हिमा के कोच निपोन दास का कहना है, 'एथलीट बनने के लिए हिमा को अपना परिवार छोड़कर लगभग 140 किलोमीटर दूर आकर रहना पड़ा था.'
आपको बता दें कि अप्रैल में गोल्ड कोस्ट में खेले गए कॉमनवेल्थ खेलों की 400 मीटर की स्पर्धा में हिमा दास (Hima Das) ने छठा स्थान हासिल किया था. 400 मीटर की दौड़ को पूरा करने के लिए उन्हें 51.32 सेकंड लगे थे.
इस फोटो पत्रकार ने अपने पहले ही प्रयास में फतह किया माउंट एवरेस्ट
कोलकाता पुलिस ने हिमा दास की 400 मीटर दौड़ का वीडियो ट्वीट किया है
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कौन हैं हिमा दास (Hima Das)?
हिमा दास असम के नगांव जिले के धिंग गांव की रहने वाली हैं. वह अभी सिर्फ 18 साल की हैं. हिमा एक साधारण किसान परिवार से आती हैं. उनके पिता चावल की खेती करते हैं. वह परिवार के 6 बच्चों में सबसे छोटी हैं. हिमा पहले लड़कों के साथ फुटबॉल खेलती थीं और एक स्ट्राइकर के तौर पर अपनी पहचान बनाना चाहती थीं. उन्होंने 2 साल पहले ही रेसिंग ट्रैक पर कदम रखा था. उनके पास पैसों की उनके थी, लेकिन कोच ने उन्हें ट्रेन कर मुकाम हासिल करने में मदद की.
हिमा के कोच निपोन दास का कहना है, 'एथलीट बनने के लिए हिमा को अपना परिवार छोड़कर लगभग 140 किलोमीटर दूर आकर रहना पड़ा था.'
आपको बता दें कि अप्रैल में गोल्ड कोस्ट में खेले गए कॉमनवेल्थ खेलों की 400 मीटर की स्पर्धा में हिमा दास (Hima Das) ने छठा स्थान हासिल किया था. 400 मीटर की दौड़ को पूरा करने के लिए उन्हें 51.32 सेकंड लगे थे.
इस फोटो पत्रकार ने अपने पहले ही प्रयास में फतह किया माउंट एवरेस्ट
कोलकाता पुलिस ने हिमा दास की 400 मीटर दौड़ का वीडियो ट्वीट किया है
बहरहाल, देश का नाम ऊंचा करने वाली हिमा दास को हमारी ओर से अनंत शुभकानाएं.Kolkata Police joins the rest of the country in congratulating Hima Das, the 18 year old sprinter who created history by winning the gold in the 400 metres sprint yesterday in the U-20 World Athletics Championships in Finland. India’s first ever track gold in world championships. pic.twitter.com/G8MqIIDxsu
— Kolkata Police (@KolkataPolice) July 13, 2018
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