UGC ने विश्वविद्यालयों को दिया निर्देश, कहा- "स्‍टूडेंट्स की शिकायतों के लिए गठित करें सेल"

UGC ने छात्रों और शिक्षकों की समस्या से निपटने के लिए एक कार्य बल गठित किया है. यूजीसी ने पिछले महीने परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

UGC ने विश्वविद्यालयों को दिया निर्देश, कहा-

यूजीसी की वेबसाइट पर छात्र अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं.

नई दिल्ली:

विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सभी विश्वविद्यालयों को निर्देश दिया है कि वह कोविड-19 (COVID-19) महामारी की वजह से उपजी स्थिति के बाद परीक्षा और अन्य शैक्षणिक गतिविधियों के संबंध में विद्यार्थियों की परेशानियों को दूर करने के लिए एक प्रकोष्ठ का गठन करें.

आयोग ने छात्रों और शिक्षकों की समस्या से निपटने के लिए एक कार्य बल गठित किया है. यूजीसी ने पिछले महीने परीक्षा और शैक्षणिक कैलेंडर को लेकर दिशा-निर्देश जारी किए हैं.

यूजीसी के सचिव रजनीश जैन ने कहा कि पहले के दिशा-निर्देश के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों को सलाह दी गई है कि वह सभी पक्षों के हितों और सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपनी शैक्षणिक गतिविधियां तैयार करें. नए नियम और दिशा-निर्देश को लागू करने में सबसे ज्यादा प्राथमिकता स्वास्थ्य को दी जानी चाहिए.

जैन ने कहा कि यूजीसी की वेबसाइट पर छात्र अपनी समस्याएं दर्ज करा सकते हैं.

उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों, शिक्षकों और संस्थाओं की चिंताओं पर ध्यान देने के लिए यूजीसी ने कार्यबल गठित किया है.

इससे पहले UGC ने पिछले हफ्ते यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के लिए नया अकेडमिक कैलेंडर जारी करने के साथ ही परीक्षा संबंधी दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए थे. UGC की गाइडलाइन्स के मुताबिक, पुराने स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज अगस्त के महीने से शुरू होंगे, जबकि नए स्टूडेंट्स के लिए कॉलेज का सत्र सितंबर के महीने से शुरू किया जाएगा. 

यूजीसी ने कहा था कि टर्मिनल सेमेस्टर /ईयर परीक्षा 01 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित की जाएगी, जिसके नतीजे 31 जुलाई तक दिए जाएंगे.  इंटरमीडिएट सेमेस्टर /ईयर परीक्षा का आयोजन 16 जुलाई से 31 जुलाई के बीच किया जाएगा और उसका रिजल्ट 14 अगस्त तक दिया जा सकता है. 

यूनिवर्सिटी और कॉलेजों को पेंडिंग एग्जाम के बारे में यूजीसी ने कहा है कि यूनिवर्सिटी कम समय में परीक्षाएं आयोजित कराने के लिए नए और अल्टरनेटिव तरीके अपना सकती हैं. यूजीसी ने ये भी कहा है कि यूनिवर्सिटी कुशल और नए तरीके अपनाकर एग्जाम के समय को 3 घंटे से कम करके 2 घंटे कर सकती हैं. इसके साथ ही अपने अध्यादेशों या नियमों के अनुसार परीक्षाएं ऑफलाइन या ऑनलाइन आयोजित करा सकती हैं. 

यूजीसी ने M.Phil. और  PhD के स्टूडेंट्स को 6 महीने के एक्सटेंशन की अनुमति दे दी है. इसके साथ ही कमीशन ने ये भी कहा है कि यूनिवर्सिटी PhD और M. Phil एग्जाम के लिए गूगल, स्काइप, माइक्रोसॉफ्ट टेक्नोलॉजी या अन्य टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर के वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजित कराई सकती हैं. 

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इनपुट: भाषा