नयी दिल्ली: महाराष्ट्र ने छात्रों को ‘फेल ना करने’ की नीति में सुधार की सिफारिश करते हुए कहा है कि यह नीति चौथी कक्षा तक ही होनी चाहिए।
राज्य शिक्षा मंत्रियों की केंद्रीय शिक्षा परिषद की उप समिति की बैठक में महाराष्ट्र के स्कूली शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि यह नीति चौथी कक्षा से आगे के लिए नहीं होनी चाहिए।
'5वीं से 8वीं कक्षा वालों को मिले एक और मौका'
हालांकि पांचवीं से आठवीं कक्षा तक नियमित परीक्षाएं होनी चाहिए। अगर छात्र परीक्षा में फेल होते हैं तो उन्हें एक महीने के भीतर दोबारा परीक्षा में बैठने का मौका दिया जाना चाहिए। अगर वे दोबारा परीक्षा में फेल होते हैं तो उन्हें उसी कक्षा में बनाए रखना चाहिए।
तावड़े ने वर्तमान नीति से निपटने के लिए टीचर्स को खास ट्रेनिंग दिए जाने पर भी जोर दिया।
दिल्ली और राजस्थान जैसे कई राज्यों ने नीति का विरोध किया है। नीति छात्रों से दबाव कम करने और उनके स्कूल छोड़ने को रोकने के लिए लायी गयी थी।