केंद्रीय मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्री रमेश पोखरियाल ने सोमवार को कहा कि प्रस्तावित नई शिक्षा नीति को अत्यधिक समीक्षा एवं अनुसंधान के बाद और शिक्षा के स्तर को मजबूत बनाने के मकसद से तैयार किया गया है. तीन दशक से भी ज्यादा के अंतर के बाद तैयार की गई नई शिक्षा नीति भारतीय नैतिकता एवं मूल्य व्यवस्था पर आधारित होगी. पोखरियाल ने कहा कि इसका लक्ष्य जीवन को अर्थपूर्ण बनाते हुए राष्ट्र को मजबूत करना है. साथ ही कहा कि किसी अन्य देश के पास भारत जैसी ज्ञान विधा नहीं है.
उन्होंने यहां एक निजी विश्वविद्यालय में ‘नये भारत के लिए एक नई शिक्षा नीति' विषय पर व्याख्यान देते हुए कहा कि नई नीति पर अत्यधिक विचार-विमर्श किया गया क्योंकि सुझावों के लिए इसे सार्वजनिक मंच पर रखा गया था. दरअसल, विश्व में अब तक इतने बड़े स्तर पर विचार-विमर्श नहीं किया गया.
पोखरियाल ने कहा कि भारत में 1,000 से ज्यादा विश्वविद्यालय, 45,000 डिग्री कॉलेज, 16 लाख स्कूल, एक करोड़ से अधिक शिक्षक और 33 करोड़ छात्र हैं जो अमेरिका की जनसंख्या से ज्यादा है. हमारी युवा पीढ़ी पर बहुत कुछ निर्भर है. सरकार के मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया और स्टार्ट अप इंडिया अभियानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे प्रयास देश को शीर्ष पर ले जाएंगे.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं