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This Article is From Apr 16, 2020

NCERT ने पहली से 5वीं क्लास के लिए जारी किया अल्टरनेटिव अकेडमिक कैलेंडर, दिए खास सुझाव

NCERT ने सब्जेक्ट वाइस साप्ताहिक अकेडमिक कैलेंडर तैयार किया है. अकेडमिक कैलेंडर में पाठ्यपुस्तकों, चैप्टर्स, थीम्स, ई-संसाधन, वेब लिंक आदि संसाधनों की लिस्ट भी दी गई है, जिसकी मदद से टीचर्स स्टूडेंट्स के लिए एक्टिविटीज डिजाइन कर सकते हैं.

NCERT ने पहली से 5वीं क्लास के लिए जारी किया अल्टरनेटिव अकेडमिक कैलेंडर, दिए खास सुझाव
NCERT ने पहली से 5वीं क्लास के लिए अल्टरनेटिव अकेडमिक कैलेंडर जारी किया है.
नई दिल्ली:

NCERT ने प्राइमरी क्लासेस के स्टूडेंट्स के लिए अल्टरनेटिव अकेडमिक कैलेंडर जारी कर दिया है. अकेडमिक कैलेंडर में पहली क्लास से 5वीं क्लास तक के लिए इंग्लिश, हिंदी, उर्दू, मैथ्स और एनवायरमेंटल स्टडी के सब्जेक्ट्स कवर किए गए हैं. आर्ट, हेल्थ और फिजिकल एजुकेशन भी कैलेंडर में शामिल हैं. 

NCERT ने सब्जेक्ट वाइस साप्ताहिक अकेडमिक कैलेंडर तैयार किया है. अकेडमिक कैलेंडर में पाठ्यपुस्तकों, चैप्टर्स, थीम्स, ई-संसाधन, वेब लिंक आदि संसाधनों की लिस्ट भी दी गई है, जिसकी मदद से टीचर्स स्टूडेंट्स के लिए एक्टिविटीज डिजाइन कर सकते हैं. अल्टरनेटिव अकेडमिक कैलेंडर पूरी तरह से टीचर्स पर निर्भर करता है कि वे किस तरह से इस पर अमल करते हैं. 

कैलेंडर में सुझाव दिए गए हैं कि टीचर्स स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को एक्टिविटीज संचालित करने के बारे में सूचित करें. टीचर्स स्टूडेंट्स के पेरेंट्स को व्हाट्सएप, फेसबुक, गूगल हैंगआउट, जी-मेल, टेलेग्राम आदि पर गाइडलेंस भेज सकते हैं. बताई गई एक्टिविटी पूरी की गई या नहीं ये सुनिश्चित करना टीचर्स की जिम्मेदारी होगी. 

 NCERT ने अपनी गाइडलाइन्स में कहा है, "अकेडमिक कैलेंडर में जिन एक्टिविटीज का जिक्र किया गया है वे सुझाव के लिए है. उनमें संसाधनों की उपलब्धता और स्टूडेंट्स की नॉलेज के आधार पर बदलाव किए जा सकते हैं. "

लॉकडाउन के दौरान स्टूडेंट्स की पढ़ाई जारी रखने की एक बड़ी जिम्मेदारी पेरेंट्स की भी है. उन्हें बच्चों को सभी निर्देश साफ तरह से समझाने होंगे, ताकि वे बताई गई एक्टिविटीज को कर सकें. 

पहली से चौथी क्लास के स्टूडेंट्स के लिए उनके पेरेंट्स टीचर्स द्वारा बताई गई गतिविधियों का संचालन कर सकते हैं. लेकिन 5वीं क्लास के स्टूडेंट्स से टीचर्स को उनके पेरेंट्स की देख-रेख में मोबाइल फोन और व्हाट्सएप के माध्यम से सीधे बात करनी होगी. स्टूडेंट्स को लॉजिकल रीजनिंग और लैंग्वेज में स्किल बेहतर करने के लिए पर्याप्त अवसर दिए जाना चाहिए. 

स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए चैप्टर के हिसाब से सारा कंटेंट ई-पाठशाला, NROER और DIKSHA पोर्टल पर उपलब्ध है, जिसका उपयोग कभी भी किया जा सकता है. 

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