मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) के दिशा-निर्देश पर राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर बनाया है जिससे कोविड-19 के कारण लॉकडाउन की स्थिति में बच्चे घर में, अभिभावकों और शिक्षकों की सहायता से, रुचिपूर्वक पढाई कर सकेंगे. मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने आज राजधानी दिल्ली में उच्च प्राथमिक स्तर (कक्षा छठी से आठवीं) के लिए यह वैकल्पिक अकादमिक कैलेंडर जारी किया. इसके पहले प्राथमिक स्तर (कक्षा एक से पांचवीं) के लिए ये कैलेंडर 16 अप्रैल को जारी किया था.
इस कैलेंडर में शिक्षा को अधिक दिलचस्प और अर्थपूर्ण बनाने के लिए विभिन्न तकनीक और सोशल मीडिया उपकरण मौजूद हैं जिनका उपयोग करके बच्चे घर पर अपनी पढ़ाई अनवरत जारी रख सकेंगे.
इस अवसर पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री श्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "इस कैलेंडर में शिक्षकों के लिए तकनीक और सोशल मीडिया उपकरणों के उपयोग के दिशानिर्देश भी दिए गए हैं ताकि वो बच्चों को बेहतर तरीके से ऑनलाइन शिक्षा दे सकें. जिन बच्चों के पास इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध नहीं है जिसकी वजह से वो सोशल मीडिया जैसे कि व्हाट्सएप, फेसबुक, ट्विटर, टेलीग्राम, गूगल मेल और गूगल हैंगऑउट इत्यादि का उपयोग नहीं कर सकते उनको शिक्षक मोबाइल पर एसएमएस भेज कर या फोन कर के शिक्षा प्रदान कराने के दिशा-निर्देश भी इस कैलेंडर में दिए गए हैं. इंटरनेट सुविधा होने की स्थिति में बच्चे विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक बार में एक से ज्यादा विद्यार्थी और अभिभावक को जोड़ा जा सकता है."
उन्होनें कहा, "बहुत जल्द मंत्रालय बाकि की कक्षाओं ( 9 से 12) और सभी विषयों को इस कैलेंडर में शामिल करेगा. इस कैलेंडर में बच्चों के सीखने की जरूरत को ध्यान में रखा गया है और इससे दिव्यांग बच्चे भी जुड़ सकते हैं. दिव्यांग छात्रों के लिए इस कैलेंडर में ऑडियो बुक्स, रेडियो कार्यक्रमों आदि द्वारा शिक्षा प्रदान किये जाने की सुविधा है."
इस कैलेंडर को साप्ताहिक आधार पर जारी किया जायेगा और इसमें पाठ्यक्रम के अनुसार विषयों को रुचिकर और चुनौतीपूर्ण गतिविधियों द्वारा सम्मिलित किया गया है. इस कैलेंडर की सबसे प्रमुख बात यह है कि इन गतिविधियों की मैपिंग छात्रों की सीखने के प्रतिफलों के साथ की गई है. इसके द्वारा अभिभावक और अध्यापक बच्चों की प्रगति पर भी नजर बनाए रखेंगे और पाठ्यपुस्तकों के अलावा भी बच्चों को नई चीज़ें सीखने के लिए प्रेरित करेंगे.
इस कैलेंडर में अनुभव आधारित शिक्षा के लिए कला और शारीरिक शिक्षा के साथ साथ योग भी शामिल किया गया है. तनाव और चिंता को दूर करने के तरीके भी इस कैलेंडर में सुझाये गए हैं. फ़िलहाल ये कैलेंडर में चार भाषाओँ के विषयों को शामिल किया गया है- संस्कृत, उर्दू, हिंदी और अंग्रेजी. इस वैकल्पिक कैलेंडर में ई-पाठशाला, NROER और दीक्षा पोर्टल पर अध्यायवार उपलब्ध सामग्री को भी शामिल किया गया है.
केंद्रीय मंत्री ने इस कैलेंडर पर उपलब्ध गतिविधियों के बारे में कहा कि सभी गतिविधियां सुझाव के तौर पर शामिल की गईं हैं न कि किसी आदेश की तरह थोपी गई हैं. इस क्रम में किसी के ऊपर कोई बाध्यता नहीं है. अध्यापक और अभिभावक बिना क्रम पर ध्यान दिए विद्यार्थियों की रुचि वाली गतिविधि का चयन कर सकते हैं.
NCERT ने टीवी चैनल स्वयं प्रभा (किशोर मंच) (फ्री डीटीएच चैनल #128, डिश टीवी चैनल # 950, सनडायरेक्ट # 793, जिओ टीवी, टाटा स्काई # 756, एयरटेल चैनल # 440, वीडियोकॉन चैनल # 477), किशोर मंच ऐप (प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है) और यूट्यूब लाइव (एनसीईआरटी आधिकारिक चैनल) के माध्यम से छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के साथ लाइव इंटरेक्टिव सत्र शुरू कर दिया है.
प्राथमिक कक्षाओं के लिए इन सत्रों का प्रसारण सोमवार से शनिवार प्रातः 11 बजे से दोपहर 1 बजे तक होगा वहीं उच्च प्राथमिक कक्षाओं के लिए अपराह्न 2 बजे से अपराह्न 4 बजे तक होगा. इन सत्रों के दौरान दर्शकों से बातचीत के अलावा, विषयगत शिक्षण करवाया जायेगा और साथ में उससे संबंधित गतिविधियां भी दिखाई जाएंगी.
इसे एससीईआरटी, राज्य स्कूल शिक्षा विभाग, स्कूल शिक्षा बोर्ड्स, केन्द्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय समिति समेत तमाम संस्थाओं के साथ विडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डीटीएच चेनलों द्वारा प्रसारित और प्रचारित किया जाएगा.
यह विद्यार्थियों, शिक्षकों, अभिभावकों और स्कूल के प्राचार्यों को सशक्त करेगा, ऑनलाइन संसाधनो का उपयोग कर सकारात्मक तरीकों से कोविड-19 की चुनौतियों का सामना करने में तथा बच्चो को घर पर ही उत्तम शिक्षा उपलब्ध करवाने में मदद करेगा.
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