ये हैं महात्‍मा गांधी के 21 प्रेरक व‍िचार, ज‍िन्‍हें अपनाकर आप भी बन सकते हैं अच्‍छे इंसान

राष्‍ट्रप‍िता महात्‍मा गांधी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था. उनकी पुण्‍यत‍िथ‍ि के मौके पर जानिए उनके 21 ऐसे व‍िचार जो आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं:

ये हैं महात्‍मा गांधी के 21 प्रेरक व‍िचार, ज‍िन्‍हें अपनाकर आप भी बन सकते हैं अच्‍छे इंसान

महात्‍मा गांधी की पुण्‍यत‍िथ‍ि को शहीद द‍िवस के रूप में मनाया जाता है

खास बातें

  • 30 जनवरी 1948 को गोली मारकर महात्‍मा गांधी की हत्‍या कर दी गई थी
  • गांधी जी पूरी जिंदगी अहिंसा और सत्‍य के मार्ग पर चलते रहे
  • महात्‍मा गांधी के व‍िचार युगों-युगों तक लोगों को प्रेरणा देते रहेंगे
नई द‍िल्‍ली :

30 जनवरी 1948 को नाथूराम गोड़से ने राष्‍ट्रप‍िता महात्‍मा गांधी की गोली मारकर हत्‍या कर दी थी. जब गांधी जी को गोली मारी गई तब उनके मुख से निकलने वाले आख‍िरी शब्‍द थे 'हे राम'.  भारत में उनकी पुण्‍यतिथ‍ि को शहीद द‍िवस के रूप में मनाया जाता है. आजीवन अहिंसा और सत्‍य के मार्ग पर चलने वाले बापू ने संपूर्ण मानवत जाति को न सिर्फ मानवता का पाठ पढ़ाया बल्‍कि जिंदगी जीने का सही तरीका भी स‍िखाया. गांधी जी के लिए परोपकार से बढ़कर कोई सेवा नहीं थी और मानवता से बड़ा कोई धर्म नहीं था. बापू भले ही आज हमारे बीच जीवित न हों, लेकिन अपने विचारों के जरिए वो हमेशा जीवित रहेंगे. महात्‍मा गांधी की पुण्‍यत‍िथ‍ि के मौके पर जानिए उनके 21 ऐसे व‍िचार जो आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं:

जब महात्मा गांधी ने ली थी आखिरी सांस, जानिए 30 जनवरी का इतिहास

1. विश्वास को हमेशा तर्क से तौलना चाहिए. जब विश्वास अंधा हो जाता है तो मर जाता है.

2. जब तक गलती करने की स्वतंत्रता ना हो तब तक स्वतंत्रता का कोई अर्थ नहीं है.

3. पूर्ण धारणा के साथ बोला गया 'नहीं' सिर्फ दूसरों को खुश करने या समस्या से छुटकारा पाने के लिए बोले गए 'हां' से बेहतर है.

4. कोई त्रुटी तर्क-वितर्क करने से सत्य नहीं बन सकती और ना ही कोई सत्य इसलिए त्रुटी नहीं बन सकता है क्योंकि कोई उसे देख नहीं रहा.

5. अपनी गलती को स्वीकारना झाड़ू लगाने के समान है जो सतह को चमकदार और साफ कर देता है.

6. ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो. ऐसे सीखो की तुम हमेशा के लिए जीने वाले हो.

7. मैं किसी को भी अपने गंदे पांव के साथ मेरे मन से नहीं गुजरने दूंगा.

8. आदमी अक्सर वो बन जाता है जो वो होने में यकीन करता है. अगर मैं खुद से यह कहता रहूं कि मैं फलां चीज नहीं कर सकता, तो यह संभव है कि मैं शायद सचमुच वो करने में असमर्थ हो जाऊं. इसके विपरीत, अगर मैं यह यकीन करूं कि मैं ये कर सकता हूं, तो मैं निश्चित रूप से उसे करने की क्षमता पा लूंगा, भले ही शुरू में मेरे पास वो क्षमता ना रही हो.

9. आप मानवता में विश्वास मत खोइए. मानवता सागर की तरह है; अगर सागर की कुछ बूंदें गंदी हैं, तो सागर गंदा नहीं हो जाता.

10. दुनिया में ऐसे लोग हैं जो इतने भूखे हैं कि भगवान उन्हें किसी और रूप में नहीं दिख सकता सिवाए रोटी के रूप में.

11. ये कर्म है, ना कि कर्म का फल जो महत्वपूर्ण है. आपको सही चीज करनी है. हो सकता है ये आपके बस में ना हो कि कोई फल मिलेगा. लेकिन इसका ये मतलब नहीं कि आप सही चीज करना छोड़ दें.

12. एक सभ्य घर के बराबर कोई विद्यालय नहीं है और एक भले अभिभावक जैसा कोई शिक्षक नहीं है.

13. मैं उसे धार्मिक कहता हूं जो दूसरों का दर्द समझता है.

14. केवल प्रसन्नता ही एकमात्र इत्र है, जिसे आप दूसरो पर छिड़कें तो उसकी कुछ बूंदे अवश्य ही आप पर भी पड़ती हैं.

15. यद्यपि आप अल्पमत में हों, पर सच तो सच है.

16. जब मैं निराश होता हूं, मैं याद कर लेता हूं कि समस्त इतिहास के दौरान सत्य और प्रेम के मार्ग की ही हमेशा विजय होती है. कितने ही तानाशाह और हत्यारे हुए हैं और कुछ समय के लिए वो अजेय लग सकते  हैं, लेकिन अंत में उनका पतन होता है. इसके बारे में सोचो हमेशा.

17. मेरी अनुमति के बिना कोई भी मुझे ठेस नहीं पहुंचा सकता.

18. हंसी मन की गांठें बड़ी आसानी से खोल देती है.

19. आप तब तक यह नहीं समझ पाते कि आपके लिए कौन महत्त्वपूर्ण है जब तक आप उन्हें वास्तव में खो नहीं देते.

20. किसी चीज में यकीन करना और उसे ना जीना बेईमानी है.

21. पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं.

Video: बापू की जिंदगी के वो आखिरी दिन...


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