लखनऊ विश्वविद्यालय (Lucknow University) ने संस्थान के सर्वोच्च सम्मान के लिए चंद्रयान -2 (Chandrayaan-2) मिशन की निदेशक रितु करिधाल श्रीवास्तव (Ritu Karidhal Srivastava) के नाम की सिफारिश करने का फैसला किया है. रितु ने विश्वविद्यालय में ही अपनी शिक्षा ग्रहण की थी. विश्वविद्यालय 14 अक्टूबर को होने वाले दीक्षांत समारोह में एलयू की पूर्व छात्रा को मानद उपाधि से सम्मानित करना चाहता है. हाल ही में आयोजित एक तैयारी बैठक में यह निर्णय लिया गया कि सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति राज्यपाल को उनके नाम की सिफारिश की जाएगी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के कुलपति एस. पी. सिंह ने कहा, "रितु ने 1997 में स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी की और भौतिक विज्ञान विभाग में डॉक्टरेट के लिए दाखिला लिया. उन्होंने बाद में उसी विभाग में शिक्षण भी किया." सिंह ने कहा, "उन्होंने भारत के दूसरे चंद्र मिशन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाकर अपने विश्वविद्यालय और पूरे देश को गौरवान्वित किया है. हम मानद उपाधि के लिए उनका नाम आगे ले जाएंगे."
सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों और सभी प्रोफेसरों ने सर्वसम्मति से उनके नाम के लिए इस बाबत हामी भरी है. विश्वविद्यालय का स्टाफ उनके योगदान, कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता का सम्मान करना चाहता है. उन्होंने कहा कि अंतिम फैसला कुलाधिपति और कार्यकारी परिषद के सदस्यों द्वारा लिया जाएगा.
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