आआईआईटी खड़गपुर
कोलकाता:
मेडिकल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में रिसर्च में सक्षम बनाने के लिए आईआईटी खड़गपुर अपने इंजीनियरिंग छात्रों को इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) में अध्ययन के लिए भेजेगी। जबकि मेडिकल रिसर्च बॉडी से डॉक्टरों को इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट के कैंपस में अध्ययन के लिए भेजा जाएगा।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर पी पी चक्रवर्ती ने कहा कि दोनों संस्थानों ने छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम और संकाय, कर्मचारी और छात्रों के बीच संवाद और सहयोग को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह समझौता चिकित्सकों को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए जाने-जाने वाले संस्थान में डॉक्टरों के अध्ययन और इंजीनियरों के आईसीएमआर में अध्ययन का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस प्रकार अंतर संकाय शिक्षा का मंच प्रदान करेगा और देश की स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा करने की दिशा में समन्वित शोध की ओर ले जाएगा।’’
अधिकारियों ने कहा कि ग्रीष्म, शीत सत्र या अल्पावधि पाठ्यक्रम के अलावा छात्र लंबी अवधि का विकल्प भी चुन सकते हैं लेकिन यह दो सेमेस्टर से अधिक नहीं होगा।
आईआईटी खड़गपुर ने अपने परिसर में एक चिकित्सा कॉलेज और अस्पताल बनाने की भी योजना बनाई है जो एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पेशकश करेगा।
आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर पी पी चक्रवर्ती ने कहा कि दोनों संस्थानों ने छात्र आदान-प्रदान कार्यक्रम और संकाय, कर्मचारी और छात्रों के बीच संवाद और सहयोग को प्रोत्साहन देने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘यह समझौता चिकित्सकों को इंजीनियरिंग के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए जाने-जाने वाले संस्थान में डॉक्टरों के अध्ययन और इंजीनियरों के आईसीएमआर में अध्ययन का मार्ग प्रशस्त करेगा। इस प्रकार अंतर संकाय शिक्षा का मंच प्रदान करेगा और देश की स्वास्थ्य देखभाल जरूरतों को पूरा करने की दिशा में समन्वित शोध की ओर ले जाएगा।’’
अधिकारियों ने कहा कि ग्रीष्म, शीत सत्र या अल्पावधि पाठ्यक्रम के अलावा छात्र लंबी अवधि का विकल्प भी चुन सकते हैं लेकिन यह दो सेमेस्टर से अधिक नहीं होगा।
आईआईटी खड़गपुर ने अपने परिसर में एक चिकित्सा कॉलेज और अस्पताल बनाने की भी योजना बनाई है जो एमबीबीएस पाठ्यक्रम की पेशकश करेगा।
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