आईआईटी-जेईई टॉपर ने टीवी पर कार्टून देखकर दूर किया तनाव
आजकल ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों के टीवी पर कार्टून देखने से परेशान हैं लेकिन प्रतिष्ठित आईआईटी-जेई परीक्षा टॉप करने वाले चंडीगढ़ के छात्र सर्वेश मेहतानी की सफलता कुछ और ही कहानी बयां करती है. टीवी पर कार्टून देखना, गाने सुनना और बैडमिंटन खेलना सर्वेश महतानी के लिए तनाव से मुक्ति पाने के मंत्र है. आईआईटी जेईई के रविवार को घोषित हुए नतीजों में सर्वेश महतानी ने पहला स्थान हासिल किया है. उन्होंने कहा कि अत्यंत प्रतिस्पर्धी इस परीक्षा में शीर्ष 10 में शामिल होना हमेशा उनका लक्ष्य था.
एग्जाम टेंशन को कैसे किया दूर
- यह पूछने पर कि क्या कभी उन्होंने इस परीक्षा का टॉपर बनने के बारे में सोचा था, इस पर महतानी ने कहा कि मैं हमेशा टॉप 10 में शामिल होना चाहता था.
- यह पूछने पर कि तनाव से मुक्ति पाने के लिए वह क्या करते थे, इस पर महतानी ने कहा किि मैंने टीवी पर कार्टून देखे और गाने सुने. उपन्यास पढ़ने और बैडमिंटन खेलने ने भी मुझे शांत और एकाग्रचित बने रखने में मदद की.
- महतानी की बड़ी बहन भी इंजीनियरिंग कर रही है. मेहतानी ने 12वीं कक्षा में 95.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने फिजिक्स और मैथ्स में 95 फीसदी अंक और कैमिस्ट्री में 97 फीसदी अंक हासिल किए. मेरा पसंदीदा सबजैक्ट मैथ्स है’ महतानी और वाईकर दोनों आईआईटी बंबई में कम्प्यूटर साइंस पढ़ना चाहते हैं.
दिया सफलता का मंत्र
सफलता के मंत्र के बारे में पूछे जाने पर महतानी ने कहा कि लक्ष्य को लेकर कड़ी मेहनत, सुनियोजित तरीके से पढ़ाई करना और एकाग्रचित रहना. मेरे जूनियर्स के लिए मेरा संदेश है कि शांत, सुनियोजित रहे और कड़ी मेहनत करें. उन्होंने कड़ी मेहनत, समर्पण, प्रतिबद्धता और खुद को ‘सोशल मीडिया से दूर रखकर’ लक्ष्य हासिल किया.
स्मार्टफोन और घूमने से बना ली दूरी
महतानी ने कहा किि मैंने पिछले दो साल से अपना स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं किया. मैं स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा सकता था, लेकिन जो कर सकते हैं उन्हें व्हाट्सएप और फेसबुक का इस्तेमाल करना चाहिए. पिछले दो वर्ष में, मैं अपने ज्यादा शौक पूरे नहीं कर पाया. मैंने दोस्तों के साथ घूमना भी बंद कर दिया था.’ यह पूछने पर कि रोज कितनी देर पढ़ाई की, इस पर उन्होंने कहा कि स्कूल और निजी कोचिंग के अलावा मैंने पांच से छह घंटे पढ़ाई की. छुट्टी के दिन मैंने 8-10 घंटे पढ़ाई की होगी.
फिल्म थ्री इडियट्स से है प्रेरित
महतानी आमिर खान अभिनीत बॉलीवुड फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ से भी प्रेरित हैं. इंफोसिस के सह संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति को अपना आदर्श मानने वाले छात्र ने कहा कि जब मैं आठवीं कक्षा में था तब यह फिल्म रिलीज हुई. इस फिल्म के ज्यादातर चरित्रों ने मुझे प्रेरित किया.’
पिता ने कहा दबाव डालने से नहीं होगा कुछ हासिल
सर्वेश मेहतानी के पिता परवेश महतानी आयकर अधिकारी हैं और मां आईटीआई पंचकुला में प्लेसमेंट अधिकारी हैं. अपने बेटे की सफलता से खुश परवेश ने कहा कि उसने हमेशा अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाया. उन्होंने अपने बच्चे पर अकादमिक सफलता के लिए दबाव डालने वाले अभिभावकों के लिए कहा कि बच्चों पर दबाव डालने से कुछ हासिल नहीं होगा. हमें अपने बच्चों को अपने सपने पूरे करने में मदद करनी चाहिए.
टॉपर्स में शामिल इस स्टूडेंट ने ऐसे की थी तैयारी
आईआईटी जेईई में अखिल भारतीय स्तर पर सातवां स्थान हासिल करने वाले आशीष वाईकर मूल रूप से महाराष्ट्र से हैं लेकिन वह पंचकुला में पढ़ते हैं क्योंकि उनके पिता कर्नल श्रीकांत वाईकर यहां तैनात हैं.
इस बीच सोशल साइट फेसबुक से भी रखी दूरी
वाईकर ने कहा कि कड़ी मेहनत और अध्यापकों के निर्देशों का पालन करने से उसे यह सफलता हाथ लगी. उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर हर दिन मैंने छह-सात घंटे पढ़ाई की. अपनी सोशल मीडिया गतिविधियों के बारे में वाईकर ने कहा, ‘मेरी बहन ने मेरे लिए फेसबुक प्रोफाइल बनाया था लेकिन मैंने कभी उसका इस्तेमाल नहीं किया. यहां तक कि मैं व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं करता क्योंकि फोकस रहने में ये चीजें आपका ध्यान भटकाती है.’
संगीत से किया तनाव मुक्त,कहा सिंगर अरिजीत सिंह है फैबरेट
संगीत से भी वाईकर ने अपना तनाव दूर किया. साथ ही वाईकर ने कहा कि मैंने हिंदी गाने सुने और मेरा पसंदीदा गायक अरिजीत सिंह है. यह पूछने पर कि वह अपना आदर्श किसे मानते है तो वाईकर ने कहा कि मेरे आदर्श मेरे पिता है. अनुशासन, धर्य, आत्मविश्वास उनमें ये गुण हैं जिनकी मैं प्रशंसा करता हूं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
एग्जाम टेंशन को कैसे किया दूर
- यह पूछने पर कि क्या कभी उन्होंने इस परीक्षा का टॉपर बनने के बारे में सोचा था, इस पर महतानी ने कहा कि मैं हमेशा टॉप 10 में शामिल होना चाहता था.
- यह पूछने पर कि तनाव से मुक्ति पाने के लिए वह क्या करते थे, इस पर महतानी ने कहा किि मैंने टीवी पर कार्टून देखे और गाने सुने. उपन्यास पढ़ने और बैडमिंटन खेलने ने भी मुझे शांत और एकाग्रचित बने रखने में मदद की.
- महतानी की बड़ी बहन भी इंजीनियरिंग कर रही है. मेहतानी ने 12वीं कक्षा में 95.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं. उन्होंने कहा कि मैंने फिजिक्स और मैथ्स में 95 फीसदी अंक और कैमिस्ट्री में 97 फीसदी अंक हासिल किए. मेरा पसंदीदा सबजैक्ट मैथ्स है’ महतानी और वाईकर दोनों आईआईटी बंबई में कम्प्यूटर साइंस पढ़ना चाहते हैं.
दिया सफलता का मंत्र
सफलता के मंत्र के बारे में पूछे जाने पर महतानी ने कहा कि लक्ष्य को लेकर कड़ी मेहनत, सुनियोजित तरीके से पढ़ाई करना और एकाग्रचित रहना. मेरे जूनियर्स के लिए मेरा संदेश है कि शांत, सुनियोजित रहे और कड़ी मेहनत करें. उन्होंने कड़ी मेहनत, समर्पण, प्रतिबद्धता और खुद को ‘सोशल मीडिया से दूर रखकर’ लक्ष्य हासिल किया.
स्मार्टफोन और घूमने से बना ली दूरी
महतानी ने कहा किि मैंने पिछले दो साल से अपना स्मार्टफोन इस्तेमाल नहीं किया. मैं स्मार्टफोन का इस्तेमाल करते हुए पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा सकता था, लेकिन जो कर सकते हैं उन्हें व्हाट्सएप और फेसबुक का इस्तेमाल करना चाहिए. पिछले दो वर्ष में, मैं अपने ज्यादा शौक पूरे नहीं कर पाया. मैंने दोस्तों के साथ घूमना भी बंद कर दिया था.’ यह पूछने पर कि रोज कितनी देर पढ़ाई की, इस पर उन्होंने कहा कि स्कूल और निजी कोचिंग के अलावा मैंने पांच से छह घंटे पढ़ाई की. छुट्टी के दिन मैंने 8-10 घंटे पढ़ाई की होगी.
फिल्म थ्री इडियट्स से है प्रेरित
महतानी आमिर खान अभिनीत बॉलीवुड फिल्म ‘थ्री इडियट्स’ से भी प्रेरित हैं. इंफोसिस के सह संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति को अपना आदर्श मानने वाले छात्र ने कहा कि जब मैं आठवीं कक्षा में था तब यह फिल्म रिलीज हुई. इस फिल्म के ज्यादातर चरित्रों ने मुझे प्रेरित किया.’
पिता ने कहा दबाव डालने से नहीं होगा कुछ हासिल
सर्वेश मेहतानी के पिता परवेश महतानी आयकर अधिकारी हैं और मां आईटीआई पंचकुला में प्लेसमेंट अधिकारी हैं. अपने बेटे की सफलता से खुश परवेश ने कहा कि उसने हमेशा अपनी पढ़ाई पर ध्यान लगाया. उन्होंने अपने बच्चे पर अकादमिक सफलता के लिए दबाव डालने वाले अभिभावकों के लिए कहा कि बच्चों पर दबाव डालने से कुछ हासिल नहीं होगा. हमें अपने बच्चों को अपने सपने पूरे करने में मदद करनी चाहिए.
टॉपर्स में शामिल इस स्टूडेंट ने ऐसे की थी तैयारी
आईआईटी जेईई में अखिल भारतीय स्तर पर सातवां स्थान हासिल करने वाले आशीष वाईकर मूल रूप से महाराष्ट्र से हैं लेकिन वह पंचकुला में पढ़ते हैं क्योंकि उनके पिता कर्नल श्रीकांत वाईकर यहां तैनात हैं.
इस बीच सोशल साइट फेसबुक से भी रखी दूरी
वाईकर ने कहा कि कड़ी मेहनत और अध्यापकों के निर्देशों का पालन करने से उसे यह सफलता हाथ लगी. उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर हर दिन मैंने छह-सात घंटे पढ़ाई की. अपनी सोशल मीडिया गतिविधियों के बारे में वाईकर ने कहा, ‘मेरी बहन ने मेरे लिए फेसबुक प्रोफाइल बनाया था लेकिन मैंने कभी उसका इस्तेमाल नहीं किया. यहां तक कि मैं व्हाट्सएप का इस्तेमाल नहीं करता क्योंकि फोकस रहने में ये चीजें आपका ध्यान भटकाती है.’
संगीत से किया तनाव मुक्त,कहा सिंगर अरिजीत सिंह है फैबरेट
संगीत से भी वाईकर ने अपना तनाव दूर किया. साथ ही वाईकर ने कहा कि मैंने हिंदी गाने सुने और मेरा पसंदीदा गायक अरिजीत सिंह है. यह पूछने पर कि वह अपना आदर्श किसे मानते है तो वाईकर ने कहा कि मेरे आदर्श मेरे पिता है. अनुशासन, धर्य, आत्मविश्वास उनमें ये गुण हैं जिनकी मैं प्रशंसा करता हूं.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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