नई दिल्ली:
देश के कई प्रतिष्ठित डीम्ड विश्वविद्यालयों के लिए राहत भरी खबर है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उस प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है जो सरकार संचालित डीम्ड विश्वविद्यालयों को छह से अधिक ‘ऑफ कैंपस’सेंटर चलाने की अनुमति देता है।
इस कदम से राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान जैसे संस्थानों को लाभ मिलेगा जो कई ‘ऑफ कैंपस’ सेंटर चलाते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि निजी डीम्ड विश्वविद्यालयों को हालांकि मंजूर भौगोलिक सीमाओं से परे अधिकतम छह ‘ऑफ कैंपस’ सेंटर चलाने की ही अनुमति होगी ।
माना जाता है कि होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान (एचबीएमआई), मुंबई, बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी, इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद, वनस्थली यूनिवर्सिटी (राजस्थान), टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जैसे कई अग्रणी संस्थानों को उनके ‘ऑफ कैंपस’ सेंटर से जुड़े मुद्दे पर यूजीसी ने नोटिस जारी किए हैं ।
कुलपति बनने के लिए प्रोफेसर के रूप में 10 साल का अनुभव जरूरी
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मंत्रालय ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए मानक तय करने वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। अब किसी डीम्ड विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के लिए उम्मीदवार के पास प्रोफेसर के रूप में न्यूनतम 10 साल का अनुभव होना चाहिए या किसी प्रतिष्ठित अनुसंधान या शैक्षिक संस्थान में इतने ही साल का अनुभव होना चाहिए।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आयोग (यूजीसी) ने हाल में एक बैठक में डीम्ड संस्थानों के लिए यूजीसी के नियमों में इन संशोधनों को मंजूरी दी जिसे मंत्रालय की सहमति मिल गई है।’’
इस कदम से राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान जैसे संस्थानों को लाभ मिलेगा जो कई ‘ऑफ कैंपस’ सेंटर चलाते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि निजी डीम्ड विश्वविद्यालयों को हालांकि मंजूर भौगोलिक सीमाओं से परे अधिकतम छह ‘ऑफ कैंपस’ सेंटर चलाने की ही अनुमति होगी ।
माना जाता है कि होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान (एचबीएमआई), मुंबई, बिड़ला इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स), पिलानी, इंडियन स्कूल ऑफ माइन्स धनबाद, वनस्थली यूनिवर्सिटी (राजस्थान), टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च जैसे कई अग्रणी संस्थानों को उनके ‘ऑफ कैंपस’ सेंटर से जुड़े मुद्दे पर यूजीसी ने नोटिस जारी किए हैं ।
कुलपति बनने के लिए प्रोफेसर के रूप में 10 साल का अनुभव जरूरी
एक अन्य महत्वपूर्ण घटनाक्रम में मंत्रालय ने कुलपतियों की नियुक्ति के लिए मानक तय करने वाले प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी है। अब किसी डीम्ड विश्वविद्यालय का कुलपति बनने के लिए उम्मीदवार के पास प्रोफेसर के रूप में न्यूनतम 10 साल का अनुभव होना चाहिए या किसी प्रतिष्ठित अनुसंधान या शैक्षिक संस्थान में इतने ही साल का अनुभव होना चाहिए।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘आयोग (यूजीसी) ने हाल में एक बैठक में डीम्ड संस्थानों के लिए यूजीसी के नियमों में इन संशोधनों को मंजूरी दी जिसे मंत्रालय की सहमति मिल गई है।’’
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