बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने प्रदेश में बीएड शिक्षा क्षेत्र में जारी अनियमितताओं का एक बार फिर जिक्र करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में सुधार के लिए कोशिश की गई है और उसके नतीजे भी सामने आने लगे है. पटना स्थित ज्ञान भवन में श्रम संसाधन विभाग के बिहार कौशल विकास मिशन द्वारा आयोजित ‘विश्व युवा कौशल दिवस’ का उद्घाटन करते हुए राज्य की यूनिवर्सिटियों के चांसलरों ने कहा, 'यहां उच्चतर शिक्षा की बहुत खराब हालत है. हमने कोशिश की है. बहुत सख्त फैसले लिए जिसके नतीजे भी अब सामने आने लगे हैं. उन्होंने कहा कि एक जो सबसे सख्त फैसला था वह बीएड के 'कारोबार' के खिलाफ था. अब इसे केन्द्रीकृत कर दिया गया है और आज बीएड की परीक्षा बिना नकल और पर्चा आउट हुए कामयाबी के साथ संपन्न हो गई है.'
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राज्यपाल ने श्रम मंत्री विजय कुमार सिन्हा से कहा कि उनके महकमें में भी बहुत जालसाजी है. इसमें भी बहुत लोग आईआईटी संस्था खोल देते हैं. आप भी थोडी सख्ती करें. कार्यक्रम के बाद जब श्रम मंत्री से राज्यपाल के उनके विभाग को लेकर कही गई बातों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि जो कमी है उसे दूर किया जा रहा है और सख्ती बरती जा रही है. हमने सुधार के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं और उसके परिणाम भी सामने आने लगे हैं. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि गरीबी दूर करने के लिए रोजगार जरूरी है और रोजगार के लिए हुनरमंदी जरूरी है.
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उन्होंने श्रमिकों को सम्मान देने की वकालत करते हुए राष्ट्रपिता गांधी को याद किया और कहा कि गांधी जी कामगारों और कारीगरों के बल पर ही 'स्वदेशी' का प्रचार-प्रसार चाहते थे. सुशील ने पश्चिमी देशों का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां कौशल-विकास को पूरा महत्त्व दिया जाता है. उन्होंने कहा कि बिहार में कौशल-विकास की योजनाओं को कार्यरूप में बदलने का सफल प्रयास हो रहा है. सुशील ने कौशल-विकास के साथ-साथ अंग्रेजी और कम्प्यूटर ज्ञान को भी जरूरी बताया और कहा कि युवाओं को रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनना चाहिए.
(इनुपट- भाषा)
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