दिल्ली विश्वविद्यालय
दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने यूजीसी की नये नियम लाने के लिए आलोचना की जिसका उद्देश्य उच्च शिक्षा का ‘निजीकरण’ करना है. शिक्षकों ने शिक्षक समुदाय से इस कदम का विरोध करने की अपील की. यूजीसी ने कल ‘यूजीसी नियम-2017 (Categorisation of Universities for Grant of Graded Autonomy)’ को मंजूरी दी थी. इन नियम के अनुसार सभी विश्वविद्यालयों और कॉलेजों को विभिन्न श्रेणियों (I/II/III) में वर्गीकृत किया जाएगा.
I, II या III श्रेणी नैक एक्रिडिएशन और एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर दी जाएगी. ऐसे संस्थान जिनका लगातार दो साल तक नैक स्कोर 3.5 से अधिक रहा है और जिनकी एनआईआरएफ रैकिंग पहले 50 के भीतर रही है, उन्हें कैटेगरी I में रखा जाएगा. 3.01 से 3.49 के बीच नैक स्कोर व 51 से 100 रैकिंग वाले संस्थानों को कैटेगरी II में रखा जाएगा. शेष संस्थानों को कैटगरी III में रखा जाएगा.
यूजीसी ने इस ड्राफ्ट पर 15 जून तक प्रतिक्रिया मांगी है.
एनआईआरएफ रैंकिंग 2017 के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी 15वें स्थान पर है जबकि जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी 5वें स्थान पर है.
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
I, II या III श्रेणी नैक एक्रिडिएशन और एनआईआरएफ रैंकिंग के आधार पर दी जाएगी. ऐसे संस्थान जिनका लगातार दो साल तक नैक स्कोर 3.5 से अधिक रहा है और जिनकी एनआईआरएफ रैकिंग पहले 50 के भीतर रही है, उन्हें कैटेगरी I में रखा जाएगा. 3.01 से 3.49 के बीच नैक स्कोर व 51 से 100 रैकिंग वाले संस्थानों को कैटेगरी II में रखा जाएगा. शेष संस्थानों को कैटगरी III में रखा जाएगा.
यूजीसी ने इस ड्राफ्ट पर 15 जून तक प्रतिक्रिया मांगी है.
एनआईआरएफ रैंकिंग 2017 के मुताबिक दिल्ली यूनिवर्सिटी 15वें स्थान पर है जबकि जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी 5वें स्थान पर है.
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