नई दिल्ली:
डायरेक्टोरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (DMER) ने नीट स्कोर्स के आधार पर सोमवार को प्रोविजनल मेरिट लिस्ट जारी की. उसने ऐसा डीम्ड यूनिवर्सिटीज में एडमिशन को लेकर चली आ रही उलझनों के चलते किया है. डीएमईआर के डायरेक्टर प्रवीन शिंघारे ने कहा है कि डीम्ड यूनिवर्सिटीज में बची हुई मेडिकल व डेंटल सीट्स में एडमिशन मेरिट लिस्ट के आधार पर होंगे.
इससे पहले पिछले महीने हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद कई डीम्ड यूनिवर्सिटीज ने अलग यूनिवर्सिटी लेवल मेरिट लिस्ट के आधार पर छात्रों को एडमिशन दिया, जिसके चलते कई उम्मीदवारों और माता-पिताओं को एडमिशन प्रक्रिया को लेकर कंफ्यूजन हुआ. वहीं राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए दावा किया कि सेंट्रलाइजड एडमिशन प्रक्रिया उम्मीदवारों के लिए ज्यादा बेहतर है.
गौरतलब है कि 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हक में फैसला सुनाया था और डीएमईआर को सात अक्टूबर तक एडमिशन आयोजित कराने की अनुमति दी थी. आपको बता दें कि डीम्ड यूनिवर्सिटीज में 1700 से ज्यादा सीटें हैं. वहीं शिंघारे ने कहा है कि ज्यादा सीटें भर चुकी हैं. उन्होंने कहा, डेंटल कॉलेजों में 400 सीटें, मेडिकल कॉलेजों में 430 सीटें खाली हैं और इनमें एडमिशन सोमवार को जारी की गई मेरिट लिस्ट के आधार पर होगा.
इससे पहले पिछले महीने हाईकोर्ट की सुनवाई के बाद कई डीम्ड यूनिवर्सिटीज ने अलग यूनिवर्सिटी लेवल मेरिट लिस्ट के आधार पर छात्रों को एडमिशन दिया, जिसके चलते कई उम्मीदवारों और माता-पिताओं को एडमिशन प्रक्रिया को लेकर कंफ्यूजन हुआ. वहीं राज्य सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले का विरोध करते हुए दावा किया कि सेंट्रलाइजड एडमिशन प्रक्रिया उम्मीदवारों के लिए ज्यादा बेहतर है.
गौरतलब है कि 28 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के हक में फैसला सुनाया था और डीएमईआर को सात अक्टूबर तक एडमिशन आयोजित कराने की अनुमति दी थी. आपको बता दें कि डीम्ड यूनिवर्सिटीज में 1700 से ज्यादा सीटें हैं. वहीं शिंघारे ने कहा है कि ज्यादा सीटें भर चुकी हैं. उन्होंने कहा, डेंटल कॉलेजों में 400 सीटें, मेडिकल कॉलेजों में 430 सीटें खाली हैं और इनमें एडमिशन सोमवार को जारी की गई मेरिट लिस्ट के आधार पर होगा.
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