दिल्ली हाईकोर्ट ने CBSE से कहा- रोज-रोज नहीं, एक बार में बताएं 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं का कार्यक्रम

दिल्ली हाईकोर्ट ने सीबीएसई से कहा, ''छात्रों को अगले 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं का कार्यक्रम एक बार में बताया जाए न कि रोज-रोज के आधार पर.''

दिल्ली हाईकोर्ट ने CBSE से कहा- रोज-रोज नहीं, एक बार में बताएं 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं का कार्यक्रम

सीबीएसई ने बुधवार को हिंसाग्रस्त उत्तरपूर्वी दिल्ली में 86 स्कूलों में परीक्षाएं टाल दी थी.

खास बातें

  • दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा एक बार में 10-15 दिनों का परीक्षा कार्यक्रम बताएं.
  • दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा आप सिर्फ कल या परसों के लिए फैसला नहीं कर सकते.
  • स्टूडेंट्स हर दिन, अगले दिन के लिए इंतजार नहीं कर सकते.
नई दिल्ली:

दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने बुधवार को कहा कि 10वीं और 12वीं कक्षा के जिन छात्रों के बोर्ड परीक्षा (CBSE Board Exam) केंद्र हिंसा से प्रभावित उत्तर पूर्वी दिल्ली में हैं उन्हें अगले 10-15 दिनों के लिए परीक्षाओं का कार्यक्रम एक बार में बताया जाए न कि रोज-रोज के आधार पर. न्यायमूर्ति राजीव शकधर ने कहा कि उत्तरपूर्वी दिल्ली में हालात खराब हो रहे हैं तथा वहां और मौतें हुई हैं, इसलिए केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को अगले 10-15 दिनों के लिए कोई फैसला लेने की जरूरत है. अदालत ने कहा, ‘‘वहां (उत्तरपूर्वी दिल्ली में) हालात बिगड़ रहे हैं और लोगों की मौतें हुई हैं, आपको स्थिति शांत होने के लिए वक्त देना चाहिए.''

अदालत ने कहा, ‘‘आप सिर्फ कल या परसों के लिए फैसला नहीं कर सकते. अगले 10-15 दिनों के लिए फैसला लीजिए. बच्चों को परीक्षाओं के कार्यक्रम के बारे में जानने की जरूरत है. वे हर दिन, अगले दिन के लिए इंतजार नहीं कर सकते.'' अदालत ने सीबीएसई को दीर्घकालीन योजना के बारे में निर्देशों के साथ दोपहर सवा दो बजे तक सूचित करने के लिए कहा है. उसने कहा, ‘‘सभी विकल्पों पर विचार कीजिए, खासतौर से 12वीं कक्षा के संबंध में.'' अदालत के ये निर्देश तब आए हैं जब सीबीएसई ने बुधवार को कहा कि हिंसाग्रस्त उत्तरपूर्वी दिल्ली में 86 स्कूलों में परीक्षाएं टाल दी गई है.

उसने अदालत को यह भी बताया कि बृहस्पतिवार को होने वाली परीक्षाओं के लिए शाम को फैसला लिया जाएगा. अदालत इस समाधान से सहमत नहीं हुई. उसने यह भी कहा कि पुलिस से परीक्षा केंद्रों की निगरानी करने की उम्मीद नहीं की जा सकती क्योंकि उन्हें दंगा भी रोकना है. अदालत ने कहा, ‘‘पुलिस पर पहले ही काफी दबाव है. कैसे वे केवल स्कूल की निगरानी करेंगे ? क्या होगा, अगर कहीं अचानक दंगा हो जाए, तो पुलिस इस दुविधा में होगी कि स्कूल को छोड़कर जाए या नहीं.''

अदालत पूर्वी दिल्ली में निजी स्कूल भाई परमानंद विद्या मंदिर और उसके 10वीं तथा 12वीं के कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई कर रही है. छात्रों ने कहा कि सीबीएसई द्वारा उन्हें आवंटित किए गए केंद्र उनके स्कूल से 16 किलोमीटर दूर और हिंसाग्रस्त इलाकों में से एक चंदू नगर-करावल नगर रोड पर है. उन्होंने कहा कि इलाके में हिंसक झड़पों और दंगों के कारण उनका परीक्षा केंद्र तक पहुंचना मुश्किल है.

उन्होंने अदालत से सीबीएसई को न्यू संध्या पब्लिक स्कूल से उनका परीक्षा केंद्र बदलकर पूर्वी दिल्ली जिले में करने का निर्देश देने का अनुरोध किया जहां पर्याप्त सुविधाएं और सुरक्षा के इंतजाम हों. अदालत ने मामले पर सुनवाई करते हुए मंगलवार को कहा था कि बच्चों की सुरक्षा को खतरे में नहीं डाला जा सकता और सीबीएसई उत्तर पूर्व दिल्ली के एक परीक्षा केंद्र पर बुधवार को होने वाली बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम बदलने पर फैसला जल्द से जल्द करे.

अदालत ने कहा था कि प्रथमदृष्टया उसकी राय है कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मिली जानकारी के मद्देनजर चंदू नगर केंद्र पर परीक्षा नहीं कराई जा सकती. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने न्यायाधीश को बताया कि संबंधित क्षेत्र के पुलिस अधिकारियों की सूचना के अनुसार, हालात तनावपूर्ण हैं. वकील कमल गुप्ता के जरिए दायर की गई याचिका में कहा गया है, ‘‘हिंसक झड़पों और दंगों ने छात्रों तथा उनके माता-पिता के जीवन पर गंभीर खतरा पैदा किया है.

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परीक्षा केंद्र तक पहुंचना छात्रों तथा उनके माता-पिता के लिए न केवल मानसिक परेशानी, आघात तथा तनावपूर्ण है बल्कि जान पर गंभीर और सीधा खतरा है.'' याचिका में कहा गया है कि जब स्कूल को उसे आवंटित किए गए परीक्षा केंद्र के बारे में मालूम हुआ तो उन्होंने सीबीएसई को पत्र लिखकर ध्यान दिलाया कि परीक्षा केंद्र स्कूल से 16 किलोमीटर दूर है और वहां पहुंचने में 40 मिनट से अधिक का वक्त लगता है.



(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)