बिहार मंत्रिमंडल ने अति पिछड़ा वर्ग के उन उम्मीदवारों को राहत दी है जो यूपीएससी मेन्स में पास होने के बाद आगे की तैयारी करना चाहते हैं
पटना:
बिहार मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई बैठक में अल्पसंख्यक और अति पिछड़े छात्र-छात्राओं के मदद के लिए कई प्रस्तावों को मंजूरी दी है. अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के तहत अल्पसंख्यक कल्याण हास्टल में रह रहे छात्र-छात्राओं को हर महीने एक हजार रुपये का वजीफा देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसी तरह पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग के हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स को भी हर महीने हजार रुपये का अनुदान मिलेगा.
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मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह और गृह एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने संयुक्त रूप से बताया कि वजीफे की यह रकम मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास अनुदान योजना और मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना के तहत दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में राज्य में कुल 33 अल्पसंख्यक कल्याण हॉस्टल हैं, जिसमें 3350 स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था है.
साथ ही राज्य में 11 नए अल्पसंख्यक कल्याण हॉस्टल खोले जाएंगे. इसके बाद हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़कर 5340 हो जाएगी. इसी तरह, राज्य के तमाम जिलों में कुल 33 पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है. 10 हॉस्टल निर्माणाधीन हैं. अनुदान पर सरकार को हर साल 3.94 करोड़ रुपये का खर्च उठाना होगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 21 एजेंडों को मंजूरी दी गई.
सिंह ने बताया कि 'मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना' के तहत बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा में पास होने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी के लिए एकमुश्त 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. साथ ही UPSC मेन्स में पास होने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को एकमुश्त एक लाख रुपये दिए जाएंगे.
अति पिछड़ा कल्याण सचिव प्रेम सिंह मीणा ने बताया कि औसतन 2100 विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर इसके लिए 11.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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मंत्रिमंडल समन्वय विभाग के प्रधान सचिव अरुण कुमार सिंह और गृह एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी ने संयुक्त रूप से बताया कि वजीफे की यह रकम मुख्यमंत्री अल्पसंख्यक कल्याण छात्रावास अनुदान योजना और मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग छात्रावास अनुदान योजना के तहत दी जाएगी.
उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में राज्य में कुल 33 अल्पसंख्यक कल्याण हॉस्टल हैं, जिसमें 3350 स्टूडेंट्स के रहने की व्यवस्था है.
साथ ही राज्य में 11 नए अल्पसंख्यक कल्याण हॉस्टल खोले जाएंगे. इसके बाद हॉस्टल में रहने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़कर 5340 हो जाएगी. इसी तरह, राज्य के तमाम जिलों में कुल 33 पिछड़ा और अतिपिछड़ा वर्ग कल्याण हॉस्टल का संचालन किया जा रहा है. 10 हॉस्टल निर्माणाधीन हैं. अनुदान पर सरकार को हर साल 3.94 करोड़ रुपये का खर्च उठाना होगा.
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में कुल 21 एजेंडों को मंजूरी दी गई.
सिंह ने बताया कि 'मुख्यमंत्री अत्यंत पिछड़ा वर्ग सिविल सेवा प्रोत्साहन योजना' के तहत बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की प्रारंभिक परीक्षा में पास होने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को आगे की तैयारी के लिए एकमुश्त 50 हजार रुपये दिए जाएंगे. साथ ही UPSC मेन्स में पास होने वाले अत्यंत पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों को एकमुश्त एक लाख रुपये दिए जाएंगे.
अति पिछड़ा कल्याण सचिव प्रेम सिंह मीणा ने बताया कि औसतन 2100 विद्यार्थियों की संख्या के आधार पर इसके लिए 11.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे.
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