CBSE Class 12 Results: खराब नतीजों के बाद टेंशन से यूं करें डील
CBSE Class 12 Results की घोषणा हो गई है. जिन छात्रों ने अच्छा परफॉर्म नहीं किया है जाहिर है वह इस वक्त काफी परेशान होंगे. उन्हें अपने करियर का डर सता रहा होगा. बोर्ड ने 12वीं कक्षा के परिणामों के बाद मनोवैज्ञानिक परामर्श के लिए एक हेल्पलाइन शुरू की है. 18000118004 निशुल्क नम्बर पर फोन करके सलाह ली जा सकती है. 65 परामर्शदाता सुबह आठ बजे से रात 10 बजे तक हेल्पलाइन नम्बर पर छात्रों और अभिभावकों से बात करेंगे. करियर के इस अहम पड़ाव पर बेहद संयम के साथ काम लेना चाहिए. इस समय स्टूडेंट्स के माता-पिता की भूमिका बेहद अहम होती है. यहां हम बताते हैं कि कैसे इन तनाव की स्थिति से निपटा जा सकता है.
1. ध्यान रखें कि ये सिर्फ अभी शुरुआत है: - अभी सिर्फ करियर की शुरुआत है. बोर्ड रिजल्ट आपकी करियर की दिशा तय नहीं करेंगे. पांच साल बाद यह कोई नहीं देखेगा कि आपके 12वीं बोर्ड परीक्षा में कितने मार्क्स आए थे, बल्कि देखा ये जाएगा कि आपने इसके बाद क्या किया है?
2. मेडिटेशन: अपने तनाव और टेंशन पर काबू पाने के लिए मेडिटेशन का सराहा भी ले सकते हैं.
3. ज्यादा न सोचें: नतीजों, अपनी परफॉर्मेंस पर ज्यादा न सोचें. आगे का सोचें. प्लान करें. पास होने की खुशी बनाएं. दिन को इंज्वॉय करें. अब आप हायर एजुकेशन में प्रवेश करेंगे. डर को अपने दिल से निकाल दें.
4. अपने पसंदीदा काम करें: मूवी देंखें, अपना पसंदीदा स्पोर्टस खेल सकते हैं. कहीं घूमने जा सकते हैं. खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में बिजी रखें. ऐसी चीजें करें जिससे आपका मूड रिफ्रेश हो जाएं. इसकी जरूरत भी है क्योंकि अब आपको कॉलेज एडमिशन व काउंसलिंग की ओर रुख करना है.
5. तुलना न करें: पेरेंट्स परीक्षा में खराब परफॉर्म करने पर अपने बच्चे की तुलना आसपास के बच्चों से न करें. परीक्षा में अच्छा करने वाले बच्चों की मिसाल देकर अपने बच्चे को और हतोत्साहित और निराश करना गलत है. उसे नीचा न दिखाएं. इससे आपके बच्चे का आत्मविश्वास का स्तर और घटेगा. ऐसी स्थिति में उन्हें समझाएं कि एक असफलता उनका करियर का फैसला नहीं कर सकती. भविष्य की ओर देखें, बीते हुए की ओर नहीं.
6. थोड़ी राहत दें: बोर्ड परीक्षा के बाद रिजल्ट तक बच्चे काफी प्रेशर में रहते हैं. उन पर काफी दबाव रहता है. अब अगर बच्चा परीक्षा में अच्छा नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं पेरेंट्स उसपर अनावश्यक दबाव बनाएं और उसे और मायूस कर दे. उसे आजादी दें. उसके साथ अच्छा व्यवहार करें. उसे डराएं नहीं. पॉजिटिव सोचें. अवसरों की कमी नहीं है.
1. ध्यान रखें कि ये सिर्फ अभी शुरुआत है: - अभी सिर्फ करियर की शुरुआत है. बोर्ड रिजल्ट आपकी करियर की दिशा तय नहीं करेंगे. पांच साल बाद यह कोई नहीं देखेगा कि आपके 12वीं बोर्ड परीक्षा में कितने मार्क्स आए थे, बल्कि देखा ये जाएगा कि आपने इसके बाद क्या किया है?
2. मेडिटेशन: अपने तनाव और टेंशन पर काबू पाने के लिए मेडिटेशन का सराहा भी ले सकते हैं.
3. ज्यादा न सोचें: नतीजों, अपनी परफॉर्मेंस पर ज्यादा न सोचें. आगे का सोचें. प्लान करें. पास होने की खुशी बनाएं. दिन को इंज्वॉय करें. अब आप हायर एजुकेशन में प्रवेश करेंगे. डर को अपने दिल से निकाल दें.
4. अपने पसंदीदा काम करें: मूवी देंखें, अपना पसंदीदा स्पोर्टस खेल सकते हैं. कहीं घूमने जा सकते हैं. खुद को किसी न किसी एक्टिविटी में बिजी रखें. ऐसी चीजें करें जिससे आपका मूड रिफ्रेश हो जाएं. इसकी जरूरत भी है क्योंकि अब आपको कॉलेज एडमिशन व काउंसलिंग की ओर रुख करना है.
5. तुलना न करें: पेरेंट्स परीक्षा में खराब परफॉर्म करने पर अपने बच्चे की तुलना आसपास के बच्चों से न करें. परीक्षा में अच्छा करने वाले बच्चों की मिसाल देकर अपने बच्चे को और हतोत्साहित और निराश करना गलत है. उसे नीचा न दिखाएं. इससे आपके बच्चे का आत्मविश्वास का स्तर और घटेगा. ऐसी स्थिति में उन्हें समझाएं कि एक असफलता उनका करियर का फैसला नहीं कर सकती. भविष्य की ओर देखें, बीते हुए की ओर नहीं.
6. थोड़ी राहत दें: बोर्ड परीक्षा के बाद रिजल्ट तक बच्चे काफी प्रेशर में रहते हैं. उन पर काफी दबाव रहता है. अब अगर बच्चा परीक्षा में अच्छा नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं पेरेंट्स उसपर अनावश्यक दबाव बनाएं और उसे और मायूस कर दे. उसे आजादी दें. उसके साथ अच्छा व्यवहार करें. उसे डराएं नहीं. पॉजिटिव सोचें. अवसरों की कमी नहीं है.
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