
प्रतीकात्मक तस्वीर
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लगभग 7000 छात्रों ने दायर की ऑनलाइन याचिका
change.org पर किए हस्ताक्षर
छात्रों का मिला-जुला रिएक्शन
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याचिका को पढ़ते वक्त यह देखा गया कि ज्यादातर सवाल ट्रिकी और घुमा-फिरा कर पूछे गये. विशेषकर सेक्शन सी से 3 अंकों वाले सवाल. इतना ही नहीं, छात्रों ने यह भी कहा कि उन्हें इस परीक्षा के लिए उन्हें काफी कम समय मिला. ऑनलाइन याचिका के शुरूआत में छात्रों ने लिखा है कि सिर्फ एक दिन का गैप होने के कारण इस पेपर का रिविजन तक करने का समय नहीं मिल सका, जोकि पेपर कठिन होने की दूसरी वजह भी है. जबकि भुवनेश्वर स्थित मदर्स पब्लिक स्कूल के फिजिक्स टीजर जयश्रीराम बल्लव रॉय ने कहा यह एक बैलेंस्ड पेपर था और इसके लिए छात्रों को परिणाम के बारे में चिंता नहीं करनी चाहिए.
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वहीं दिल्ली कैंट स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल की फिजिक्स टीजर मीरा बेरा ने कहा कि 1 अंक, 3 अंक और 5 अंक वाले कुछ सवाल उलझाने वाले थे. बता दें कि लगभग कुछ ऐसा ही पैटर्स और मुश्किल पेपर पिछले साल भी पूछे गए थे. 'शॉर्ट आंसर टाइप क्योश्चन' वाले प्रश्न ट्रिकी थे. घुमा-फिरा कर पूछे गए सवालों की वजह से ज्यादातर छात्रों ने समय पर अपने उत्तर नहीं लिखा पाए, जिसकी वजह से सभी छात्रों की यही शिकायत है.
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